21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वैज्ञानिक पद्धति से किसानों की मदद करने पर बोले मोदी

नयी दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 86वें स्‍थपना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करके किसानों की अ‍ार्थिक स्थिति को सुधारने के पक्ष में आज कहा कि सरकार की नीति किसानों की आय बढाने पर केंद्रित होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों उन्‍नत कृषि प्रद्योगिकी की […]

नयी दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 86वें स्‍थपना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करके किसानों की अ‍ार्थिक स्थिति को सुधारने के पक्ष में आज कहा कि सरकार की नीति किसानों की आय बढाने पर केंद्रित होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों उन्‍नत कृषि प्रद्योगिकी की खोज के लिए बधाई देते हुए कहा कि वे फसल की उत्पादकता बढाने के लिए वैज्ञानिक प्रौद्योगिकीयों को खेतों तक पहुंचाएं.

खाना पकाने के तेल और दलहन के अत्यधिक आयात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आयात पर निर्भरता घटाने के लिए वैज्ञानिकों को इनकी उत्पादकता बढाने में मदद करनी चाहिए.संस्‍थान में लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा ‘हमें दो चीजें साबित करनी है. एक तो यह कि हमारे किसान पूरे देश और दुनिया को खाद्यान्न मुहैया कराने में समर्थ हैं और दूसरे कृषि हमारे किसानों को पर्याप्त आय उपलब्ध करा सकती है’.

प्रधानमंत्री का मानना है कि यदि किसानों के लिए पर्याप्त आय की व्यवस्था नहीं हुई तो इस क्षेत्र का लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल होगा.उन्होंने वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी को कृषि क्षेत्र तक ले जाने की जरुरत पर बल दिया ताकि कृषि उत्पादन बढ सके और खाद्यान्न के लिए हमारी आयात पर निभर्रता खत्‍म हो सके.

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुणवत्ता से समझौता किए बगैर फसलों की पैदावार तेजी से बढाने की जरुरत है. मोदी ने हरित और श्वेत क्रांति की तरह नील क्रांति का भी यह कहते हुए आह्वान किया कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की बडी संभावना है.उन्होंने वैज्ञानिकों से यह भी कहा कि वे चीन की तरह औषधीय पौधों पर ध्यान केंद्रित करें.

प्रधानमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों को अपने रेडियो स्टेशन स्थापित करने का भी सुझाव दिया ताकि किसानों को विस्तारित सेवाएं प्रदान की जा सकें.उन्होंने जल एवं मौसम चक्र में बदलाव के मद्देनजर वर्षा जल संचयन और अन्य पहलों के जरिए जल संरक्षण की जरुरत पर जोर दिया.

मोदी ने आईसीएआर से कहा कि वह विशेष लक्ष्य स्थापित कर अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने की योजना तैयार करें.उन्होंने संस्थान को नसीहत दी कि वह अगले 14 साल में उससे भी ज्यादा उपलब्धि हासिल करने का प्रयास करें जितना उन्होंने पिछले 86 साल में किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें