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भारत के साथ संबंधो को महत्व देता है चीन लेकिन हांगकांग पर हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं- चीनी राजदूत

नयी दिल्ली: भारत में चीन के नवनियुक्त राजदूत सन वीदोंग ने मंगलवार को कहा कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और दोनों देशों को तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी लंबित मुद्दों का समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को वार्ता और आपसी विश्वास से विवादों को सुलझाना चाहिए. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2019 8:26 AM

नयी दिल्ली: भारत में चीन के नवनियुक्त राजदूत सन वीदोंग ने मंगलवार को कहा कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और दोनों देशों को तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी लंबित मुद्दों का समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को वार्ता और आपसी विश्वास से विवादों को सुलझाना चाहिए.

हांगकांग चीन का आंतरिक मामला

वीदोंग ने कहा कि हांगकांग पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है. ये वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य तथ्य है कि चीन की हांगकांग के मसले पर पूरी संप्रभुता है. उन्होंने कहा कि हांगकांग में लगातार हिंसक तरीके से प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन कुछ लोग इसे शांतिपूर्ण तरीके से किया गया विरोध बताकर पेश कर रहे हैं. ये एक दोहरा मानदंड है.

बाहरी ताकतों को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं

सन वीदोंग ने कहा कि हांगकांग में विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और बीजिंग इस मुद्दे पर बाहरी ताकतों को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देगा. चीनी दूतावास द्वारा उनके स्वागत में आयोजित एक समारोह में वीदोंग ने कहा कि चीनी सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देती है. उन्होंने कहा, क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति और स्थिरता को बनाए रखना न केवल प्रमुख देशों के रूप में चीन और भारत की जिम्मेदारी है, बल्कि अपने स्वयं के विकास को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों की जरूरत भी है.

काफी दिनों से हांगकांग में विरोध प्रदर्शन

बता दें कि हांगकांग में बीते कई महीनों से चीन और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में हांगकांग के लोग भाग ले रहे हैं जिनमें छात्र भी शामिल हैं. इस विरोध प्रदर्शन का कारण एक प्रत्यर्पण कानून है जिसके मुताबिक हांगकांग में पकड़े गए अपराधियों को बीजिंग प्रत्यर्पित किए जाने की बात कही गई है. हांगकांग काफी समय से स्वायत्ता की मांग कर रहा है लेकिन चीन इसे अपना आंतरिक मसला बताता आया है.

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