ईटानगर/नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश के एक भाजपा सांसद ने बुधवार को दावा किया कि चीनी सेना ने पिछले महीने राज्य के सुदूरवर्ती अन्जॉ जिले में घुसपैठ की और वहां एक नाले पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाया, लेकिन सेना ने कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं घटी.
अरुणाचल (पूर्व) लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने दावा किया कि चीनी सैनिकों ने चगलागम क्षेत्र में कियोमरु नाले पर पुल बनाया था. इस बारे में जब नयी दिल्ली में सेना के एक प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने इस तरह की कोई घुसपैठ नहीं की. उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई क्षेत्रों में सीमा निर्धारण को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं. अधिकारी ने कहा कि यह भूभाग घना निर्जन इलाका है और यहां नालों तथा जलधाराओं के पास सारी आवाजाही पैदल ही संभव है. मॉनसून के दौरान जब नालों में पानी का बहाव ऊपर तक होता है तब गश्ती दल अपनी आवाजाही के लिए अस्थाई पुलों का निर्माण करते हैं. उन्होंने कहा, भिन्न दावों वाला क्षेत्र होने की वजह से दोनों तरफ के सैनिक नियमित रूप से इलाके में गश्त करते हैं. गर्मियों के समय यहां असैन्य शिकारी और जड़ीबूटी बटोरने वाले आते रहते हैं.
अधिकारी ने यह बात दोहरायी कि क्षेत्र में चीनी जवानों या नागरिकों की कोई स्थायी मौजूदगी नहीं है और हमारे जवान निगरानी रखते हैं. इससे पहले गाओ ने कहा था कि जिस इलाके में घुसपैठ हुई वह चगलागम से करीब 25 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में है और पूरी तरह भारतीय क्षेत्र में ही आता है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर मैंने केंद्र सरकार से अरुणाचल प्रदेश में चीन-भारत सीमा पर उसी तरह बुनियादी संरचना के निर्माण के लिए अनुरोध किया है जिस तरह अन्जॉ के जिला मुख्यालय हायुलियांग से चगलागम तक और उससे आगे सड़क बनायी गयी है. गाओ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हायुलियांग और चगलागम के बीच सड़क की हालत बहुत खराब है और इससे आगे एक तरह से कोई सड़क नहीं है.
सांसद ने दावा किया कि भारतीय सेना ने पिछले साल अक्तूबर में इलाके में चीनी सैनिकों को देखा था. सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन के पास सीमावर्ती क्षेत्रों में सभी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भलीभांति स्थापित कूटनीतिक और सैन्य प्रणालियां हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात को मानते हैं कि संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के सुगम विकास के लिए भारत-चीन सीमा के सभी क्षेत्रों में अमन चैन बनाये रखना जरूरी है. भारत और चीन करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं जिसका स्पष्ट निर्धारण नहीं है. इस वजह से क्षेत्र में घुसपैठ के मामले सामने आते हैं.