नयी दिल्लीः भारत जब इतिहास रचने करीब था उस वक्त करीब करीब पूरा देश जाग रहा था. बीती रात करीब दो बजे न सिर्फ इसरो के वैज्ञानिक बल्कि पूरे देश की सांसें थम गई थी. रात के करीब 2 बजे, इसरो सेंटर बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठकर इस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रहे थे. वैज्ञानिकों की निगाहें कंप्यूटर की स्क्रीनों पर चांद से संकेतों का इंतजार कर रही थीं. लेकिन ये क्या, लैंडर विक्रम से संपर्क अचानक टूट गया.
ये संपर्क एक बार टूटा तो इंतजार के बाद भी वापस नहीं हो पाया. वैज्ञानिकों के चेहरे उदास हो गए. पूरे देश में जो लोग टीवी या मोबाइल से इस दृश्य को देख रहे छे वो भी दुखी हो गए.ये वो पल था जब चंद्रयान मिशन के रॉकेट लांचर का सबसे आगे का हिस्सा विक्रम लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा था. तभी अचानक हर तरफ सन्नाटा पसर गया.
इसरो के मीडिया केंद्र में भी असमंजस की स्थिति बन गई. वैज्ञानिकों ने सवा दो बजे तक कोई आधिकारिक बयान देकर ये साफ नहीं किया था कि विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग हो गई है या नहीं. हर कोई स्पेस सर्च सेंटर से अच्छी खबर का इंतजार कर रहा था. इन अंतिम पलों में हर किसी की धड़कनें थमीं थीं.
पहली बार रात में इसरो सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड में रहा. फिर इसरो ने रात 2 बजकर 18 मिनट पर कहा कि आंकड़ों का अध्ययन हो रहा है. बता दें कि विक्रम लैंडर चांद से 2.1 किमी की दूरी पर था तभी विक्रम से संपर्क टूट गया. हालांकि इसके बावजूद भारत की इस स्पेस एजेंसी को बधाई पर बधाई मिल रहे हैं.
सबने इसकी उपलब्धियों पर गर्व जताया है. सोशल मीडिया पर इसरो को बधाइयां दी जारी है. लोग हौसला अफजाई कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी सुबह आठ बजे देश को संबोधित करेंगे.