चंद्रयान2: वैज्ञानिकों का लोगों ने बढ़ाया हौसला, बोला पूरा देश- हमने संपर्क खोया है क्षमता नहीं खोई
नयी दिल्ली: शनिवार तड़के सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान विक्रम लैंडर का संपर्क नियंत्रण कक्ष से टूट गया. इसरों के वैज्ञानिक और तमाम सपोर्ट स्टाफ निराशा से भर गए. हालांकि पूरे देश से इस बारे में अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है. लोगों ने ट्वीट कर इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया है. लोगों ने कहा […]
नयी दिल्ली: शनिवार तड़के सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान विक्रम लैंडर का संपर्क नियंत्रण कक्ष से टूट गया. इसरों के वैज्ञानिक और तमाम सपोर्ट स्टाफ निराशा से भर गए. हालांकि पूरे देश से इस बारे में अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है. लोगों ने ट्वीट कर इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया है. लोगों ने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है.
हर्षवर्धन नाम ट्विटर यूजर ने लिखा कि, चाहे जो भी हो इसरो ने अभी खोजबीन बंद नहीं की है. अभी उम्मीदें जिंदा है.
Whatever it takes….#ISRO never stops exploring..#ProudOfISRO pic.twitter.com/VJvPOo2sMy
— Harsha Vardhan (@phv_tech) September 7, 2019
अंजलि नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि, हमने संपर्क खोया है अपनी क्षमताएं नहीं खोयी हैं. उन्होंने कहा कि हम अब भी मजबूती से वहां हैं. प्यार है. हैशटेग प्राउड ऑफ इसरो के साथ उन्होंने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए लिखा कि हमें आप पर गर्व है.
https://twitter.com/iamanjooti/status/1170151846855528450?ref_src=twsrc%5Etfw
उदय सिसतिया नाम के ट्विटर यूजर ने इसरो के चैयरमेन कैलाशविदु सिवन के बारे में लिखा कि, इस समय उन्हें कैसा लग रहा होगा, आपको महसूस करना होगा. हम समझते सकते हैं कि वे कितना दबाव महसूस कर रहे होंगे. उन्होंने कहा कि, मुझे समझ नहीं आया कि एक मीडियाकर्मी ने मीडिया ब्रीफिंग में सिवन की अनुपस्थिति के बारे में इतना असवेंदनशील सवाल कैसे पूछा.
You have to feel for him. We understand how much pressure he must be feeling. In that situation I don't understand how a media person was so hardly questioning his absence in media briefing. Why such people doesn't change? #ISRO #Chandrayaan2 #ProudOfISRO pic.twitter.com/qhphfbWliM
— υ∂αу (@udaysistla) September 6, 2019
मुरलीधर नाम के ट्विटर यूजर ने विक्रम लैंडर से संपर्क टूट जाने की तुलना विश्व कप में पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के रनआउट हो जाने से की है. उन्होंने कहा कि इसका दर्द विश्वकप हारने से ज्यादा है.
केवी सुब्रह्मण्यम ने लिखा कि असफलता काफी कुछ सिखाती है. उन्होंने कहा कि हम अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हुए कुछ भी कह सकते हैं क्योंकि ये रॉकेट साइंस नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें अब अहसास हुआ है कि रॉकेट साइंस वास्तव में कितना कठिन है. प्राउड ऑफ इसरो हेशटैग के साथ उन्होंने लिखा कि हमें वास्तव में गर्व है.
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि किसी सफर की विजय ही अंतिम नहीं है. हारना हमेशा असफलता की परिचायक नहीं होती. सबसे अहम है साहस जो कि हमारे पास है. उन्होंने कहा कि हमें इसरो पर भरोसा रखते हुए एक बेहतर भारत की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए.
https://twitter.com/SwamiGeetika/status/1170165980925853698?ref_src=twsrc%5Etfw
मार्टिन लूथर किंग के विचार को कोट करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा कियदि आप उड़ नहीं सकते हैं, तो दौड़ें, यदि आप नहीं चल सकते हैं, तो चलें, यदि आप नहीं चल सकते हैं, तो क्रॉल करें, लेकिन सभी तरीकों से चलते रहें.
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि बैलगाड़ी से रॉकेट ले जाने से लेकर आज हम इतनी दूर तक पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास कभी नहीं मरता. नासा के भी पिछले 10 प्रयास असफल रहे हैं.
वहीं एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि मेरा दिल कहता है कि विक्रम लैंडर चंद्रमा पर उतर चुका है. हमने केवल संपर्क खो दिया है. उम्मीद है कि जल्द ही हमें अच्छी खबर सुनेंगे.