शानदार और जानदार रही चंद्रयान-2 की यात्रा: 12 जून को इसरो अध्यक्ष सिवन ने की थी घोषणा और…
बेंगलुरु :‘चंद्रयान-2′ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. यह उस वक्त हुआ जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. हालांकि इसरो ने हार नहीं मानी है. पीएम मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि परिणाम अपनी जगह […]
बेंगलुरु :‘चंद्रयान-2′ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. यह उस वक्त हुआ जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. हालांकि इसरो ने हार नहीं मानी है. पीएम मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि परिणाम अपनी जगह है. आपके साथ पूरा देश खड़ा है. आइए भारत के दूसरे मानवरहित चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के घटनाक्रम के बारे में आपको बताते हैं…
12 जून : इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने घोषणा की कि चंद्रमा पर जाने के लिए भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को प्रक्षेपित किया जाएगा.
29 जून : सभी परीक्षणों के बाद रोवर को लैंडर विक्रम से जोड़ा गया.
29 जून : लैंडर विक्रम को ऑर्बिटर से जोड़ा गया.
चार जुलाई : चंद्रयान-2 को प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1) से जोड़ने का काम पूरा किया गया.
सात जुलाई : जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1 को लॉन्च पैड पर लाया गया.
14 जुलाई : 15 जुलाई को जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1/चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई.
15 जुलाई : इसरो ने महज एक घंटे पहले प्रक्षेपण यान में तकनीकी खामी के कारण चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टाल दिया.
18 जुलाई : चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से 22 जुलाई को दोपहर दो बजकर 43 मिनट का समय तय किया गया.
21 जुलाई : जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1/चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई.
22 जुलाई : जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1 ने चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया.
24 जुलाई : चंद्रयान-2 के लिए पृथ्वी की कक्षा पहली बार सफलतापूर्वक बढ़ाई गयी.
26 जुलाई : दूसरी बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गयी.
29 जुलाई : तीसरी बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गयी.
दो अगस्त : चौथी बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गयी.
चार अगस्त : इसरो ने चंद्रयान-2 उपग्रह से ली गयी. पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सैट जारी किया.
छह अगस्त : पांचवीं बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गयी.
14 अगस्त : चंद्रयान-2 ने सफलतापूर्वक ‘लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी’ में प्रवेश किया.
20 अगस्त : चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा.
22 अगस्त : इसरो ने चंद्रमा की सतह से करीब 2,650 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रयान-2 के एलआई4 कैमरे से ली गयी चंद्रमा की तस्वीरों का पहला सैट जारी किया.
21 अगस्त : चंद्रमा की कक्षा को दूसरी बार बढ़ाया गया.
26 अगस्त : इसरो ने चंद्रयान-2 के टेरेन मैपिंग कैमरा-2 से ली गयी चंद्रमा की सतह की तस्वीरों के दूसरे सैट को जारी किया.
28 अगस्त : तीसरी बार चंद्रमा की कक्षा बढ़ाई गयी.
30 अगस्त : चौथी बार चंद्रमा की कक्षा बढ़ाई गयी.
एक सितंबर : पांचवीं और अंतिम बार चंद्रमा की कक्षा बढ़ाई गयी.
दो सितंबर : लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हुआ.
तीन सितंबर : विक्रम को चंद्रमा के करीब लाने के लिए पहली डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया पूरी हुई.
चार सितंबर : दूसरी डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया पूरी हुई.
सात सितंबर : लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह की ओर लाने की प्रक्रिया 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य और योजना के अनुरूप देखी गयी, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया.