Chandrayaan2: ”विक्रम” से संपर्क टूटने के बाद ISRO सेंटर में क्यों नहीं रुके PM मोदी? खुद बताया

बेंगलुरूः चंद्रयान-2 के मून लैंडर विक्रम का लैंडिंग से महज 2.1 किलोमीटर पहले सपंर्क टूट गया. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसरो हेडक्वॉर्टर से वैज्ञानिकों के साथ देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि वह लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद ज्यादा देर तक इसरो मुख्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2019 9:46 AM
बेंगलुरूः चंद्रयान-2 के मून लैंडर विक्रम का लैंडिंग से महज 2.1 किलोमीटर पहले सपंर्क टूट गया. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसरो हेडक्वॉर्टर से वैज्ञानिकों के साथ देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि वह लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद ज्यादा देर तक इसरो मुख्यालय में क्यों नहीं रुके.
उन्होंने कहा कि मैं कल रात को आपके (वैज्ञानिकों की) मन की स्थिति को समझता था. उन्होंने कहा कि आपकी आंखें बहुत कुछ कहती थीं. आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पा रहा था. पीएम मोदी ने कहा कि मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है. उन्होंने कहा कि कई रातों से आप सोए नहीं थे, फिर भी मेरा मन कर रहा था कि एक बार फिर से आपसे बातें करूं.
उन्होंने कहा कि इसीलिए मैं रात में चंद्रयान की लैंडिंग के आखिरी पलों में आई रुकावट के बाद अधिक देर तक आपके बीच नहीं रुका. पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश आपके साथ रात भर जगता रहा. मिशन के अंतिम पलों में पूरा देश चिंतित था. उन्होंने कहा कि पूरा देश मजबूती के साथ वैज्ञानिकों के साथ खड़ा है.
इससे पहले पीएम मोदी ने भारत माता की जय के उद्घोष से अपनी बात की शुरूआत की. पीएम ने वैज्ञानिकों का हौसला अफजाई किया. कहा कि आप वो लोग हैं जो मां भारती की जय के लिए जीते हैं. आप वो लोग हैं जो मां भारती की जय के लिए जूझते हैं. मां भारती की जय के लिए जज्बा रखते हैं. मां भारती का सिर ऊंचा हो इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं.
मां भारती के लिए आप अपने सपनों को समाहित कर देते हैं. ये आप ही लोग हैं जिसने पहले प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था, इससे पहले दुनिया में यह उपलब्धि किसी के पास नहीं थी. हमारे चंद्रयान ने ही दुनिया पर चांद पर पानी देने की अहम जानकारी दी. अपने वैज्ञानिकों से मैं कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है.
आप सब महान प्रोफेशनल हैं जिन्होंने देश की प्रगति के लिए संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई मौके दिए. आप लोग मक्खन पर लकीर करनेवाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं.
गौरतलब है कि आखिरी पलों में चंद्रयान 2 से लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया है. प्रधानमंत्री मोदी स्वयं भी लैंडिंग के इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए इसरो वैज्ञानिकों के बीच मौजूद थे.

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