”…एक निराशाजनक अवस्था में भारत के प्रत्येक देशवासी ने एकजुट होकर ढांढस बंधाया”
मुंबई : भारत का ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का शुक्रवार की रात को इसरो के संपर्क से बाहर होने के बाद जहां पूरी दुनिया के वैज्ञानिक अफसोस जता रहे हैं, वैसी स्थिति देश के निवासी अब भी भारत के उन महान वैज्ञानिकों के साथ खड़े हैं, जो इस मिशन के साथ […]
मुंबई : भारत का ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का शुक्रवार की रात को इसरो के संपर्क से बाहर होने के बाद जहां पूरी दुनिया के वैज्ञानिक अफसोस जता रहे हैं, वैसी स्थिति देश के निवासी अब भी भारत के उन महान वैज्ञानिकों के साथ खड़े हैं, जो इस मिशन के साथ जुड़े हुए हैं. सदी के महानायक और बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने भी इसरो के वैज्ञानिकों की हौसला आफजाई की है. उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर शनिवार की शाम को ट्वीट किया, ‘मैंने शायद ही पहले ऐसा कभी देखा हो कि एक निराशाजनक अवस्था में भारत के प्रत्येक देशवासी ने एकजुट होकर देश का ढाढ़स बांधा हो. #अड़ेरहोबढ़ेचलो, #ISROजिंदाबाद, जय हिंद.’
T 3281 – मैंने शायद ही पहले ऐसा कभी देखा हो , कि एक निराशजनक अवस्था में, भारत के प्रत्येक देशवासी ने, एक जुट होकर देश का ढाढ़स बाँधा हो ।#अड़ेरहोबढ़ेचलो#ISROजिंदाबाद
जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) September 7, 2019
इसके पहले, सदी के महानायक बिग बी ने शनिवार दोपहर 12 बजे के बाद केके गजराज के फेसबुक का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘चंद्रमा 3,84,400 किलोमीटर दूर है और हम 2.1 किलोमीटर पर विफल हुए. इसका मतलब दूरी केवल 0.0005463 फीसदी रही. यहां तक कि यह विफलता एक नयी शुरुआत की बुनियाद है. इस असफलता में ही सफलता छिपी है. यह हमारे वैज्ञानिकों और इसरो के लिए गौरव की बात है.’
T 3281 – " Moon is 3,84,400 kms and we failed at 2.1 KM
that's 0.0005463% of margin.Even this failure is a foundation for new beginnings.
Even this failure has a taste of success in it.
Kudos to our Scientists and ISRO 🇮🇳 "~ KK Gajraj .. from FB pic.twitter.com/rnRD7Yuh4f
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) September 7, 2019
गौरतलब है कि ‘चंद्रयान-2′ के मून लैंडर ‘विक्रम’ का शुक्रवार की रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. ‘विक्रम’ के भविष्य और उसकी स्थिति के बारे में भले ही कोई जानकारी नहीं है कि यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया या उसका संपर्क टूट गया, लेकिन 978 करोड़ रुपये लागत वाला चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ खत्म नहीं हुआ है. अभी भी कुछ काम हो सकता है. उम्मीद की किरण अभी बाकी है.
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शुक्रवार की रात करीब दो बजे इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क केंद्र के स्क्रीन पर देखा गया कि विक्रम अपने निर्धारित पथ से थोड़ा हट गया और उसके बाद संपर्क टूट गया. लैंडर बड़े ही आराम से नीचे उतर रहा था और इसरो के अधिकारी नियमित अंतराल पर खुशी जाहिर कर रहे थे. लैंडर ने सफलतापूर्वक अपना रफ ब्रेकिंग चरण को पूरा किया और यह अच्छी गति से सतह की ओर बढ़ रहा था.
रात के करीब 2 बजे इसरो सेंटर बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठकर इस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रहे थे. वैज्ञानिकों की निगाहें कंप्यूटर की स्क्रीनों पर चांद से संकेतों का इंतजार कर रही थीं, लेकिन ये क्या, लैंडर विक्रम से संपर्क अचानक टूट गया. ये संपर्क एक बार टूटा, तो इंतजार के बाद भी वापस नहीं हो पाया. वैज्ञानिकों के चेहरे उदास हो गये. आखिर अंतिम क्षण में ऐसा क्या हो गया? इसरो के एक वैज्ञानिक के अनुसार, लैंडर का नियंत्रण उस समय समाप्त हो गया होगा, जब नीचे उतरते समय उसके थ्रस्टर्स को बंद किया गया होगा और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा, जिसके कारण संपर्क टूट गया.
बता दें कि चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान में तीन खंड हैं-ऑर्बिटर (2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1,471 किलोग्राम, चार पेलोट) और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड). विक्रम दो सितंबर को आर्बिटर से अलग हो गया था. चंद्रयान-2 को इसके पहले 22 जुलाई को भारत के बाहुबली कहा जाने वाले रॉकेट जीएसएलवी एमके 3 (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल-मार्क 3) के जरिये अंतरिक्ष में लांच किया गया था.