नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिनों में कोई विकास नहीं हुआ. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि तबाह अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए जब नेतृत्व, दिशा और योजनाओं की जरूरत है तो इसका घोर अभाव है.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी आरोप लगाया कि सरकार के सौ दिनों के कार्यकाल में अहंकार, अनिश्चितता और बदले की राजनीति झलकती है. उन्होंने सरकार पर कश्मीर, असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी और विपक्ष के नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर प्रहार किया. मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए गांधी ने सौ दिनों में विकास नहीं होने के लिए बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, सौ दिनों में विकास नहीं होने के लिए, लोकतंत्र के खात्मे को जारी रखने, आलोचनाओं पर लगाम लगाने के लिए घुटने टेक चुकी मीडिया पर शिकंजा कसना और नेतृत्व, दिशा एवं योजनाओं की स्पष्ट कमी, जहां संकट में घिरी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद चुप है और आरोप लगाया कि वह देश की गंभीर स्थिति को छिपाने का प्रयास कर रही है. प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा, अर्थव्यवस्था करके चौपट, मौन बैठी है सरकार, संकट में हैं कंपनियां, ठप हो रहा व्यापार, ड्रामे से, छल से, झूठ से, प्रचार से करके कपट, जन-जन से छुपा रहे देश की हालत विकट.
कांग्रेस ने इससे पहले लगातार ट्वीट कर कहा, भाजपा के दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिनों को तीन शब्दों में बयां किया जा सकता है निरंकुशता, अव्यवस्था और अराजकता. पार्टी ने कहा, आठ क्षेत्रों में दो फीसदी से कम वृद्धि दर दर्ज की गयी और हमारी वित्त मंत्री अब भी यह स्वीकार नहीं कर रही हैं कि अर्थव्यवस्था पतन की ओर है. भाजपा अगर उपेक्षा और धोखे के इसी राह पर चलती रही तो हम मंदी की तरफ चले जायेंगे. सिब्बल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले प्रचंड जनादेश ने आम आदमी को राहत प्रदान करने का उसे एक अवसर प्रदान किया था, लेकिन हुआ ठीक विपरीत. उन्होंने आरोप लगाया, आम आदमी की समस्या बढ़ रही हैं, गोदी मीडिया और पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो रहा है, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कोई रणनीति नहीं है, छोटे व्यापारी परेशान हैं और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति हो रही है.
सिब्बल ने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो का दुरुपयोग किया जा रहा है. सिब्बल ने कहा, जहां उनके लोगों के खिलाफ साक्ष्य हैं वहां पनाह दिया जा रहा है और विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जहां कोई साक्ष्य नहीं है. उन्होंने कहा कि संसदीय जांच-परख के बगैर विधेयकों को पारित कराने के साथ ही अनुच्छेद 370 को खत्म करने, सूचना का अधिकार कानून को कमजोर करने, तीन तलाक को अपराध बनाने, बैंकों के विलय और आरबीआई को 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को देने के लिए बाध्य करने में सरकार का अहंकार झलकता है. सरकार पर बदले की राजनीति करने का अरोप लगाते हुए सिब्बल ने बयान जारी कर कहा कि पी चिदंबरम, डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी, मनसे के राज ठाकरे, राकांपा के अजित पवार, टीएमसी के पार्थ चटर्जी और कमलनाथ के भतीजे के खिलाफ जांच एजेंसियों ने किसी अपराध में आरोप पत्र दायर नहीं किया है.
उन्होंने कुलदीप सेंगर (उन्नाव बलात्कार के आरोपी), मुकुल रॉय (शारधा चिटफंड घोटाला), येदियुरप्पा (भूमि और खनन घोटाला) और शिवराज सिंह चौहान (व्यापम घोटाला) जैसे मामलों को गिनाते हुए कहा, एजेंसियां विपक्षी नेताओं पर कानून को चुनिंदा तरीके से लागू करती है, जबकि भाजपा से संबंधित लोगों को आसानी से बचने का रास्ता दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अनिश्चितता कायम रही और अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही कश्मीर का भविष्य अनिश्चित हो गया है. उन्होंने कहा, पर्यटन, व्यापार और बागवानी उद्योग को बड़ा नुकसान हो रहा है. कम से कम 2,500 होटल खाली हैं. प्रमुख बाजारों में काम करने वाले 15,000 सेल्समैन अपनी नौकरी गंवा चुके हैं. जबकि सरकार ने स्कूलों को खोलने का निर्देश दिया है, लेकिन मौजूदा स्थिति के कारण माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना पसंद कर रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह सरकार के इस दावे पर आश्चर्यचकित हैं कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधों में ढील देना पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा, मुझे इस बयान का मतलब समझ में नहीं आया? यदि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को जारी रखता है, तो आप अपने नागरिकों की स्थिति में कोई सुधार नहीं करेंगे. एनआरसी पर सिब्बल ने कहा कि 19 लाख लोगों में से कई, जो वास्तविक नागरिक हैं उन्हें छोड़ दिया गया है, जिसने अराजकता पैदा की है और वे अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ऑटो उद्योग में मंदी के कारण देश में काफी परेशानी है और उन्होंने कपड़ा, सोना और रियल एस्टेट क्षेत्रों की समस्याओं पर भी जोर दिया. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुल बेरोजगारी अब 8.2 प्रतिशत को छू गयी है, जबकि शहरी बेरोजगारी 9.4 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह इस बात को लेकर सस्पेंस है कि क्या वैज्ञानिक चंद्रयान -2 के लैंडर के साथ संपर्क बना पायेंगे, उसी तरह से इस बात को लेकर भी गहरा संदेह है कि अर्थव्यवस्था निकट भविष्य में सुधरेगी या नहीं. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक लघु वीडियो में भाजपा पर बेरोजगारी, आरटीआई को कमजोर करने, यूएपीए, जीडीपी, बैंक धोखाधड़ी, लिंचिंग, रुपये के गिरने, जम्मू कश्मीर के विभाजन और एनआरसी से गलत तरीके से निपटने जैसे मुद्दों पर भाजपा पर निशाना साधा. देश में पीट-पीटकर हत्या के मामले में कांग्रेस ने कहा, भाजपा सरकार के कार्यकाल में ‘मॉब लिंचिंग’ शब्द ने भारत के भाईचारे को नष्ट किया है. सत्तारूढ़ दल की विचारधारा से जुड़े लोगों की संलिप्तता से भीड़ की हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है जो देश की एकता, अखंडता के लिए खतरा है.