विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- भारत की नीतियों का सिंगापुर बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा केंद्र बना
सिंगापुर: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय सिंगापुर में हैं और स्टार्टअप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन मेें भाग ले रहे हैं. इस दौरान उद्घाटन सत्र के अपने संबोधन में एस जयशंकर ने भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबधो पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने सिंगापुर को भारत को मजबूत साझेदार कहा. ‘बदलाव के दौर में साथ आए भारत-सिंगापुर’ उन्होंने […]
सिंगापुर: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय सिंगापुर में हैं और स्टार्टअप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन मेें भाग ले रहे हैं. इस दौरान उद्घाटन सत्र के अपने संबोधन में एस जयशंकर ने भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबधो पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने सिंगापुर को भारत को मजबूत साझेदार कहा.
EAM Dr. S Jaishankar in Singapore: In political, strategic as well as economic commercial areas, Singapore has become a fulcrum for India’s policies. Today, what started as a bilateral relationship is something that has grown very much bigger. https://t.co/IjYm90bf7j
— ANI (@ANI) September 9, 2019
‘बदलाव के दौर में साथ आए भारत-सिंगापुर’
उन्होंने सिंगापुर के साथ भारत के राजनयिक संबधों को जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश उस समय साथ आए जब हम बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहे थे. दुनिया में परिवर्तन आ रहा था और भारत भी बदल रहा था. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के बीच ही हमें कुछ करना था जिसमें हम अब तक सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत जब अर्थव्यवस्था में भुगतान संकट जैसी समस्याओं का सामना कर था तब उसने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने भी रिश्ते में रूचि दिखाई.
‘सबसे लंबी अवधि का संयुक्त सैन्याभ्यास’
एस जयशंकर ने कहा कि सिंगापुर ने भारत की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई है. पिछले कई वर्षों से दोनों महत्वपूर्ण आर्थिक, राजनयिक, कूटनीतिक और सांस्कृतिक साझेदार हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच एक मजबूत रक्षा संबंंध है. दोनों देशों ने हाल ही में संयुक्त सैन्याभ्यास के 25 वर्ष पूरे किए हैं. इनका कहना है कि ये किसी भी दो देशों के बीच चलने वाला सबसे लंबी अवधि का सैन्याभ्यास है.
EAM Dr. S Jaishankar during an interactive session in Singapore: The big concerns of India include its relationship with China, because we run an enormous trade-deficit with China which we believe is a result of unfair restricted market access. pic.twitter.com/CK8IMANU6j
— ANI (@ANI) September 9, 2019
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि, राजनीतिक, सामरिक और आर्थिक-वाणिज्यिक क्षेत्रों में सिंगापुर भारत की नीतियों का एक बड़ा केंद्र बन गया है. द्विपक्षीय साझेदारी के तौर पर शुरू हुआ से सिलसिला अब बहुत बड़ा हो गया है.
‘चीन के साथ व्यापारिक रिश्ता चिंताजनक’
इस दौरान हालांकि एस जयशंकर ने संवादात्मक सत्र के दौरान कहा कि भारत की बड़ी चिंताओं में चीन के साथ इसके संबंध शामिल है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ हम बहुत बड़ा व्यापार-घाटा चलाते हैं जिसका कारण है अनुचित तरीके से लगाए गए बाजार प्रतिबंध. हालांकि उन्होंने भारत-सिंगापुर संबंधो की मजबूती को दोहराया.