अंजनी कुमार सिंह
नयी दिल्ली :राजधानी दिल्ली से बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की यात्रा करनेवाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. आने वाले कुछ सालों में इस रूट पर हाई स्पीड ट्रेनें चलने लगेंगी, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जायेगा. इस डेडिकेटेड पैसेंजर कॉरिडोर का निर्माण पूरा होते ही यह इंतजार की घड़ी समाप्त हो जायेगी़ केंद्रीय कैबिनेट पहले ही दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली -मुंबई के बीच डेडिकेटेड पैसेंजर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे चुका है.
1525 किलोमीटर लंबे दिल्ली-हावड़ा रूट को अपग्रेड करने पर 6684 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे 2022-23 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके बाद इस ट्रैक पर ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा हो जायेगी. फिलहाल अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटा है. इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद पैसेंजर ट्रेन की औसत गति भी 60% बढ़ेगी. इन दोनों रूट पर रेलवे 30% यात्री और 20% माल ढुलाई करता है.
रेलवे के प्रस्ताव के मुताबिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक ट्रेन का संचालन निजी हाथ में सौंपा जायेगा. यदि पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो अन्य ट्रेनों के संचालन का जिम्मा भी निजी हाथों को सौंपा जा सकता है. रेलवे एक दीर्घकालिक योजना पर काम कर रहा है. 2021 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चालू होने के बाद दिल्ली-हावड़ा रूट सिर्फ यात्री गाड़ियों के लिए रह जायेगा. निवेश, विद्युतीकरण, यात्रियों की सुरक्षा, आधुनिकीकरण व ट्रेनों की समयबद्धता की दिशा में रेल मंत्रालय बेहतर कार्य कर रहा है.