अंबाला: भारतीय वायु सेना ने अपनी ‘गोल्डन ऐरोज’ 17 स्क्वाड्रन को फिर से गठित कर सकती है जो राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली यूनिट होगी. वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ मंगलवार को अंबाला वायु सेना केंद्र पर एक समारोह में 17 स्क्वाड्रन को फिर से शुरू कर सकते हैं.
Indian Air Force Chief BS Dhanoa to ‘resurrect’ the 1st Rafale combat aircraft Squadron at Ambala air base tomorrow. The unit commanded by Dhanoa during 1999 Kargil war was number plated due to the phasing out of its MiG-21 fighters & is being revived with Rafale combat fighters. pic.twitter.com/pCR0BtOUbE
— ANI (@ANI) September 9, 2019
वायु सेना राफेल विमानों का स्वागत करने के लिए तैयार है. 1999 में करगिल युद्ध के समय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने गोल्डन ऐरोज 17 स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी. अब गोल्डन ऐरोज स्क्वाड्रन फिर से शुरू होने जा रहा है.
बठिंडा एयर बेस से संचालित स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था. तब भारतीय वायुसेना ने रूस निर्मित मिग 21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू किया था.
‘गोल्डन ऐरोज’ स्क्वाड्रन की स्थापना 1951 में की गई थी और शुरुआत में इसने हैविलैंड वैंपायर एफ एमके 52 लड़ाकू विमानों की उड़ानों को संचालित किया था. भारत को पहला राफेल विमान इस महीने के अंत में मिल सकता है. वायु सेना ने राफेल का स्वागत करने के लिए जरूरी ढांचा तैयार करने और पायलटों के प्रशिक्षण समेत सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है.