उर्मिला मातोंडकर का कांग्रेस से इस्तीफा, पार्टी में गुटबाजी का लगाया आरोप

मुंबई : अभिनेत्री से नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह इस साल मार्च में कांग्रेस में शामिल हुई थीं. उर्मिला ने पार्टी के भीतर की तुच्छ राजनीति को कांग्रेस छोड़ने की वजह बतायी. उन्होंने कहा, मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं इस बात की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2019 4:41 PM

मुंबई : अभिनेत्री से नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह इस साल मार्च में कांग्रेस में शामिल हुई थीं.

उर्मिला ने पार्टी के भीतर की तुच्छ राजनीति को कांग्रेस छोड़ने की वजह बतायी. उन्होंने कहा, मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं इस बात की इजाजत नहीं देती कि मुंबई कांग्रेस में किसी बड़े लक्ष्य पर काम करने की जगह निहित स्वार्थी तत्व उनका इस्तेमाल पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी से निपटने के लिए करें. उर्मिला मातोंडकर ने मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ा था. चुनाव में मातोंडकर को भाजपा के गोपाल शेट्टी से भारी मतों से शिकस्त मिली थी. इस चुनाव में उर्मिला ने अपनी हार का ठीकरा स्थानीय कांग्रेस नेताओं पर फोड़ा था.

उर्मिला ने कहा, पहली बार मेरे मन में इस्तीफे का विचार तब आया था जब मेरी लगातार कोशिशों के बावजूद तत्कालीन मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को लिखे 16 मई के मेरे खत पर पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की. और तो और इस खत को मीडिया में लीक कर दिया गया. मेरे साथ यह धोखा था. मेरे लगातार विरोध के बावजूद पार्टी में किसी ने इसको लेकर क्षमा नहीं मांगी, यहां तक कि चिंता भी नहीं जाहिर की. यही नहीं मेरे खत में जिन लोगों के नाम थे उनमें से कुछ को मुंबई नॉर्थ में कांग्रेस के घटिया प्रदर्शन के बावजूद नये पदों से नवाजा गया.

इसके अलावा लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले उर्मिला ने मुंबई कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को एक गोपनीय खत लिखा था. इस खत में उन्होंने अपनी हार के लिए स्थानीय नेताओं पर उंगली उठाते हुए कमजोर रणनीति, कार्यकर्ताओं की अनदेखी और फंड की कमी को जिम्मेदार बताया था. यह गोपनीय खत लीक हो गया था. उर्मिला ने प्रचार अभियान के दौरान मुंबई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम के करीबी सहयोगियों संदेश कोंडविल्कर और भूषण पाटिल के आचरण की आलोचना की थी. देवड़ा ने चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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