तंजावुर (तमिलनाडु) : तंजावुर की एक अदालत ने आज वर्ष 2004 में स्कूल में आग लगने से मारे गये 94 बच्चों की मौत के मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराया. गौरतलब है कि 2004 में कुंबकोनम के एक स्कूल में आग लगने की घटना हुई थी.
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद अली ने यह फैसला खचाखच भरे अदालत कक्ष में कडी सुरक्षा के बीच सुनाया. इस दौरान मृत बच्चों के अभिभावक और रिश्तेदार अदालत के बाहर जमा हुए थे.
दोषी ठहराये गए लोगों में से पांच को भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 337, 338 और 285 तथा तमिलनाडु के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय (नियमन) कानून, 1973 के प्रावधानों तहत दोषी ठहराया.
इन धाराओं के तहत दोषी पाये गए लोगों में स्कूल का मालिक एवं संस्थापक पालनीसामी, उसकी पत्नी सरस्वती, प्रधानाचार्या शांतालक्ष्मी, दोपहर भोजन आयोजक विजयलक्ष्मी और रसोइया वसंती शामिल है.इन लोगों को सजा दिन में बाद में सुनायी जाएगी.
16 जुलाई 2004 को विद्यालय में दोपहर भोजन बनाने वाली अस्थायी रसोई से फैली आग पहली मंजिल पर फूस की छत तक फैल गई जिसमें 94 बच्चों की मौत हो गई और 18 अन्य झुलस गए.
हृदय विदारक यह घटना कासीरमण गली स्थित एक छोटी सी इमारत में श्रीकृष्ण एडेड प्राइवेट स्कूल, सरस्वती नर्सरी एंड प्राइमरी स्कूल और श्री कृष्ण गर्ल्स हाई स्कूल में हुई. इस घटना से सुरक्षा नियमों को लेकर अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई.
इन विद्यालयों में करीब 700 छात्र पढ रहे थे. पुलिस ने 21 व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किये जिसमें धारा 304 जिसे 120 बी के साथ पढा जाए और 338 शामिल है.