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नरोदा पाटिया दंगा: गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को मिली जमानत

अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी की जमानत आज मंजूर कर ली, जिन्हें 2002 के नरोदा पाटिया दंगों के मामले में दोषी ठहराया गया था और 28 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. इन दंगों में 97 लोग मारे गए थे. न्यायमूर्ति वी एम सहाय और न्यायमूर्ति आरपी धोलारिया की खंडपीठ […]

अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी की जमानत आज मंजूर कर ली, जिन्हें 2002 के नरोदा पाटिया दंगों के मामले में दोषी ठहराया गया था और 28 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. इन दंगों में 97 लोग मारे गए थे.

न्यायमूर्ति वी एम सहाय और न्यायमूर्ति आरपी धोलारिया की खंडपीठ ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग करने वाली माया की अर्जी स्वीकार कर ली.

इसके साथ ही नरोदा पाटिया मामले में जमानत पाने वाली वह प्रथम आरोपी हैं.अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर माया कोडनानी की नियमित जमानत मंजूर की और जमानत अवधि के दौरान अदालत में पेशी से उन्हें छूट दी.

कोडनानी ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वह टीबी और अवसाद से ग्रसित हैं जिसकी वजह से शहर के सिविल हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है. उन्हें यहां साबरमती जेल में रखा गया था.

उन्होंने अपनी जमानत याचिका में यह दलील भी दी कि विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उनकी अपील दिसंबर 2012 से गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है. इसमें कहा गया कि अपील पर निकट भविष्य में सुनवाई होने की संभावना नहीं है और इस पर विचार करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.

इससे पहले फरवरी में उच्च न्यायालय ने कोडनानी की अस्थायी जमानत मंजूर की थी. हालांकि, इसी महीने अदालत ने बाद में इस अवधि में विस्तार देने से इनकार कर दिया था.गौरतलब कि विशेष जांच दल अदालत ने अगस्त 2012 में भाजपा की तत्कालीन विधायक माया कोडनानी, बजरंग दल नेता बाबू बजरंगी और 29 अन्य को 2002 के नरोदा पाटिया दंगों के सिलसिले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. यहां नरोदा पाटिया में 97 लोगों को निर्ममता से मार डाला गया था.

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री रहीं कोडनानी को अदालत ने नरोदा इलाकों में दंगों का सूत्रधार ठहराया था और उन्हें 28 साल कैद की सजा सुनाई थी.

दंगों के वक्त कोडनानी नरोदा की विधायक थी. उन्हें 2007 में महिला एवं बाल विकास विभाग का मंत्री बनाया गया. इस मामले में मार्च 2009 में गिरफ्तार होने पर उन्हें इस्तीफा देना पडा था.

तीन बार विधायक रह चुकी कोडनानी प्रथम महिला हैं जिन्हें गोधरा बाद के दंगों के मामले में दोषी ठहराया गया था. गोधरा में ट्रेन आगजनी की 27 फरवरी 2002 की घटना के एक दिन बाद यह नरसंहार हुआ था.

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