13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अगस्ता वेस्टलैंड मामले में नाराज सुप्रीम कोर्ट ने गौतम खेतान से कहा, न्याय इस तरह से खरीदा नहीं जा सकता

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में अभियुक्त गौतम खेतान के कालाधन कानून से संबंधित मामले में बुधवार को नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय इस तरह से खरीदा नहीं जा सकता है. शीर्ष अदालत ने 2016 के काला धनकानून को जुलाई, 2015 से लागू करने और आरोपी के खिलाफ […]

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में अभियुक्त गौतम खेतान के कालाधन कानून से संबंधित मामले में बुधवार को नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय इस तरह से खरीदा नहीं जा सकता है. शीर्ष अदालत ने 2016 के काला धनकानून को जुलाई, 2015 से लागू करने और आरोपी के खिलाफ इसके तहत मामला दर्ज करने से जुड़े सवाल पर सुनवाई करते हुए इस संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने के लिए खेतान के चार सप्ताह का समय मांगने पर नाराजगी व्यक्त की.

इसे भी देखें : अगस्ता वेस्टलैंड : मुख्य आरोपी गौतम खेतान की पत्नी को मिली जमानत, लगा है ये आरोप…

गौतम खेतान के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था. हाईकोर्ट ने 16 मई को अपने आदेश में कहा था कि 2016 के कालाधन कानून को जुलाई, 2015 से लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि वह इस मामले पर सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने खेतान के वकील के इस रवैये की सराहना नहीं की. उन्होंने कहा कि यह मामले को लंबा खींचने और इसकी सुनवाई कर रही पीठ से बचने का तरीका है.

पीठ ने खेतान के वकील से कहा कि आपके जो प्रयास हैं, उसे हम समझते हैं. हम इसके खिलाफ हैं. इस बारे में कुछ मत बोलिये. हम बेहद नाराज हैं. यह तरीका नहीं है. आप पीठ से बचना चाहते हैं. न्याय में इस तरह से विलंब नहीं किया जा सकता. पीठ ने कहा कि इस तरह की निरर्थक बात नहीं करें. न्याय को इस तरह से नहीं खरीदा जा सकता. केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इस मामले में महत्वपूर्ण कानून सवाल जुड़ा है.

पीठ ने जब यह कहा कि वह इस मामले में 17 सितंबर को सुनवाई करेगी तो खेतान के वकील ने कहा कि हम अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का वक्त चाहते हैं. हमें जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का वक्त दिया जाए. खेतान के वकील की इस दलील से पीठ बेहद नाराज हो गयी और उसने कहा कि नहीं, इस तरह नहीं. हम इस तरह के काम की निन्दा करते हैं. न्यायालय में आचरण का यह तरीका नहीं है. इस न्यायालय में यह क्या हो रहा है? इस तरह नहीं. यह सब खुले न्यायालय में नहीं होना चाहिए. आप बहुत आपत्तिजनक कर रहे हैं.

पीठ ने आगे कहा कि आप वकील हैं और आपको कानून की रक्षा करनी चाहिए. जिस तरह से आपने आचरण किया है, वह उचित नहीं है. हालांकि, खेतान के वकील ने पीठ से इसके लिए क्षमा याचना की और कहा कि मैं तो सिर्फ यही अनुरोध कर रहा था कि न्यायालय जवाब दाखिल करने के लिए जो भी उचित हो, समय दे. पीठ ने वकील से कहा कि वह 17 सितंबर तक जवाब दाखिल करें और इस मामले को पीठ ने 18 सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि हाईकोर्ट का आदेश अनुचित लगता है. शीर्ष अदालत ने मई महीने में हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसने आयकर विभाग को खेतान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया था. खेतान के खिलाफ कालाधन कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में केंद्र की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी थी, जिसमें काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर लगाने का कानून एक जुलाई, 2015 से लागू किया गया था.

इस कानून को पिछले तारीख से लागू किये जाने के बारे में हाईकोर्ट ने कहा था कि संसद ने अपने विवेक से कानून बनाया, जिसे एक अप्रैल, 2016 से प्रभावी होना था और चूंकि संसद ने स्पष्ट रूप से एक तारीख के बारे में फैसला किया था, इसलिए इसे अधिसूचना के जरिये पिछली तारीख से लागू नहीं किया जा सकता. गौतम खेतान अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा घोटाले में एक आरोपी हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें