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नोबेल पुरस्कार प्राप्त कैलाश सत्यार्थी ने कहा, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश की जरूरत

मोहाली : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण में निवेश की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि बच्चे ‘हमारे भविष्य’ नहीं, बल्कि ‘हमारे वर्तमान’ हैं. सत्यार्थी ने इसे गंभीर विषय बताया. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि भारत में हर घंटे आठ बच्चों के […]

मोहाली : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण में निवेश की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि बच्चे ‘हमारे भविष्य’ नहीं, बल्कि ‘हमारे वर्तमान’ हैं. सत्यार्थी ने इसे गंभीर विषय बताया. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि भारत में हर घंटे आठ बच्चों के लापता होने और उन्हें दासता, देह-व्यापार तथा भिक्षावृति में झोंके जाने का जिक्र किया.

मोहाली में आयोजित ‘नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया-2019′ से इतर सत्यार्थी ने कहा कि कई लोग मानते हैं कि बच्चे हमारे भविष्य हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. बच्चे हमारे वर्तमान हैं. अगर हम अपने वर्तमान को नहीं संवारेंगे, अपने वर्तमान की हिफाजत और उसे शिक्षित नहीं करेंगे, तो हमारा भविष्य अंधकारमय हो जायेगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मेरा दृढ़ता से विश्वास है कि हमें अपने बच्चों में निवेश करना चाहिए, उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और कल्याण में निवेश करना चाहिए. दुर्भाग्य से दुनिया में ऐसा नहीं हो रहा है.

नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया-2019 तीन दिवसीय कार्यक्रम है, जिसमें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति व्याख्यान देंगे और विशेषज्ञों, शिक्षकों एवं छात्रों के साथ चर्चा में शामिल होंगे. सत्यार्थी ने चिंता जताते हुए कहा कि हम अपने बच्चों को क्या शिक्षा दे रहे हैं? हम नफरत की बात करते हैं. हमने उन्हें हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन आदि की पहचान दी. बच्चों ने कभी सीमा नहीं बनायी, लेकिन दुनिया युगों से सीमाओं के लिए लड़ रही है.

सत्यार्थी ने कहा कि बच्चे किसी हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि वे दुनिया में होने वाली हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. हमें बच्चों से सीखने की जरूरत है. ना कि उन्हें गलत चीजें सिखाने की, जो हमनें सदियों और युगों से ‘रेडीमेड’ जवाब के रूप में संचित रखा है. बच्चा चोरी की कथित घटनाओं पर सवाल पूछे जाने पर सत्यार्थी ने कहा कि बच्चों की चेारी दासता और अन्य गैर कानूनी गतिविधियों के लिए होती है. लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि बच्चा चोरी के कुछ मामले दर्ज होते हैं और कई बार भावनाएं द्वेषपूर्ण एवं हिंसक हो जाती है. यह विडंबना ही है कि जब हम यह बात कर रहे हैं, उसी समय राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीबी) के मुताबिक हर घंटे आठ बच्चों के लापता होने के मामले दर्ज हो रहे हैं. बच्चा चोरी के शक में भीड़ द्वारा संदिग्धों की पिटाई के बारे में सत्यार्थी ने कहा कि इसका कोई समर्थन नहीं कर सकता. अगर किसी पर बच्चा चोरी का शक है, तो पुलिस को इसकी सूचना देनी चाहिए.

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