जम्मू-कश्मीर: ट्रक से AK-56 और AK-47 सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद, तीन आतंकी गिरफ्तार

श्रीनगर: सुरक्षाबलों की चौकसी की वजह से घाटी को दहलाने की साजिश को नाकाम कर दिया गया. दरअसल जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर सुबह तकरीबन आठ बजे एक संदिग्ध ट्रक को रोका गया जो पंजाब के बामयाल क्षेत्र से कश्मीर जा रहा था. जब ट्रक की जांच की गई तो इसमें से 4 एके -56 और 2 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2019 2:39 PM

श्रीनगर: सुरक्षाबलों की चौकसी की वजह से घाटी को दहलाने की साजिश को नाकाम कर दिया गया. दरअसल जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर सुबह तकरीबन आठ बजे एक संदिग्ध ट्रक को रोका गया जो पंजाब के बामयाल क्षेत्र से कश्मीर जा रहा था. जब ट्रक की जांच की गई तो इसमें से 4 एके -56 और 2 एके -47, 6 मैगजीन और 180 लाइव राउंड बरामद किए गए हैं.

तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है

जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मकेश सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि ट्रक की सघन जांच की जा रही है और तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुष्टि हुई है कि तीनों का संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से हैं. तीनों कश्मीर से ही ताल्लुक रखते हैं. आशंका जताई जा रही है कि ये तीनों कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की मदद के लिए पठानकोट के बामयाल सीमा से होकर नियंत्रण रेखा की ओर दाखिल हुए थे.

जैश-ए-मोहम्मद से है इनका संबंध

कठुआ के एसएसपी श्रीधर पाटिल ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रक में गोला-बारूद ले जाया जा रहा था. ट्रक में चल रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनसे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि तीनों जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं. बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद वही आतंकी संगठन है जिसने इस साल 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमें 40 जवान मारे गए थे.

कोर्ड वर्ड्स का सहारा ले रहे आतंकी

बता दें कि हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिया था कि घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद किए जाने के बाद सीमापार बैठे आतंकी, पाकिस्तानी सेना की मदद से रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आंतकियों से संपर्क साध रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कोड वर्ड्स बनाए हैं और पाकिस्तानी राष्ट्रगान के माध्यम से घाटी में संपर्क स्थापित कर रहे हैं.

खुफिया एजेंसियों ने ये भी कहा था कि घाटी में अशांति फैलाने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में घुसपैठ की योजना बनाई जा रही है. इस इनपुट के आधार सुरक्षाबल अलर्ट हैं. यही वजह है कि इतनी बड़ी साजिश को टाला जा सका.

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