हिंदी दिवस पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान के बाद राजनीति शुरू हो गई है. हिंदी दिवस के कार्यक्रम में ‘एक राष्ट्र – एक भाषा’ के फॉर्मूला का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जरूरत है कि देश की एक भाषा हो, जिसके कारण विदेशी भाषाओं को जगह न मिले. इसे याद रखते हुए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने राजभाषा की कल्पना की थी और इसके लिए हिंदी को स्वीकार किया.
दक्षिण भारत सहित देश के कई बड़े नेताओं ने इस पर अपना कड़ा विरोध शुरू कर दिया है. इनमें तमिलनाडु के एमके स्टालिनऔर वाइको, हैदराबाद के असदुद्दीन ओवैसी और बंगाल की नेता ममता बनर्जी जैसे नाम शामिल हैं.कई लोगों ने भीइननेताओं की बात का समर्थनकिया और देखते ही देखते ट्विटर पर #StopHindiImposition (हिंदी को थोपना बंद करो) और #StopHindiImperialism (हिंदी का साम्राज्यवाद समाप्त करो) ट्रेंड करने लगा.
आज दिल्ली में आयोजित ‘हिंदी दिवस समारोह-2019’ में भाग लिया।
भारत की अनेक भाषाएं और बोलियां हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन देश की एक भाषा ऐसी हो, जिससे विदेशी भाषाएँ हमारे देश पर हावी ना हों इसलिए हमारे संविधान निर्माताओं ने एकमत से हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। pic.twitter.com/nJpesiYEFN
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019
Hindi isn't every Indian's "mother tongue". Could you try appreciating the diversity & beauty of the many mother tongues that dot this land? Article 29 gives every Indian the right to a distinct language, script & culture.
India's much bigger than Hindi, Hindu, Hindutva https://t.co/YMVjNlaYry
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 14, 2019
हिंदी दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद इन दो हैशटैग्स के साथ लोग लगातार ट्वीट कर रहे हैं.इनकेजरिये उनका कहना है कि पूरे देश पर हिंदी को थोपना बंद हो और हिंदी का साम्राज्यवाद समाप्त हो.
#StopHindiImposition otherwise u guys have to face this.. 😝😝🏃🏃🏃 pic.twitter.com/EvHsbUwroY
— Dobby (@themanhasname) September 14, 2019
MK Stalin, DMK president: We have been continuously waging protest against imposition of Hindi. Today's remarks made by Amit Shah gave us a jolt, it will affect the unity of the country. We demand that he takes his statement back. pic.twitter.com/JMchnIeZc4
— ANI (@ANI) September 14, 2019
इसके अलावा #OneLanguage और #AmitShah भी ट्रेंड होने लगा. आपको बता दें कि हर साल की तरह इस हिंदी दिवस पर भी सोशल मीडिया में #हिंदी_दिवस और #HindiDiwas ट्रेंड कर रहा था, लेकिन अमित शाह के ट्वीट के बाद भारत में ट्विटर की पूरी फिजा ही बदल गई.
Karnataka Ranadheera Pade and other pro Kannada organizations held a protest in front of town hall in Bengaluru against #Hindidivas pic.twitter.com/7Y4stviZFH
— ANI (@ANI) September 14, 2019
दरअसल, भाजपा अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी देश को एकता की डोर में बांधने एवं विश्व में भारत की पहचान बनाने का काम कर सकती है.
हिंदी दिवस पर अमित शाह ने ट्वीट किया, आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि हम अपनी-अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढ़ाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरुष सरदार पटेल के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें.
हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परंतु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है, जो विश्व में भारत की पहचान बने. शाह ने कहा कि आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है.
वहीं, हिंदी दिवस पर एक समारोह के संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश में विभिन्न भाषाओं, बोलियों और संस्कृतियों का समावेश है. ऐसे में जब राजभाषा का निर्णय करना हो, तो स्वाभाविक है कि मतान्तर होंगे ही. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने समग्र स्थिति का अवलोकन किया और पूरी संविधान सभा ने सर्वानुमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया.
शाह ने कहा, दुनिया में कई देश ऐसे हैं जो अपनी भाषा को छोड़ चुके हैं, ऐसे देश अपनी संस्कृति और संस्कारों का संरक्षण नहीं कर सकते हैं. भारतीय समाज को भी अपनी भाषा को लेकर आत्म चिंतन करने की जरूरत है. गृह मंत्री ने कहा कि भारत में बोली जाने वाली भाषाएं दुनिया की सभी भाषाओं में सबसे समृद्ध हैं. हमारे देश की सभी भाषाएं दुनियाभर की भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ हैं.
उन्होंने कहा, मैं देशभर के लोगों से आह्वान करना चाहता हूं कि अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से तो अपनी भाषा में बात कीजिए. अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो कैसे उन्हें लंबे समय तक जीवित रखा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष हम देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे.
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय में आज 60 प्रतिशत फाइल हिंदी नोटिंग के साथ आ रही है जबकि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. शाह ने इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा हिंदी में संबोधित किये जाने का भी उल्लेख किया.