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पासवान ने न्यायपालिका में भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल के लिए संविधान संशोधन की कही बात

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को हिंदी को चौतरफा बढ़ावा देने की वकालत करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ ही देश के सभी उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. लोकशक्ति जनशक्ति पार्टी नेता ने यहां संवाददाताओं से बात […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को हिंदी को चौतरफा बढ़ावा देने की वकालत करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ ही देश के सभी उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. लोकशक्ति जनशक्ति पार्टी नेता ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि 1950 में जब संविधान को अंगीकार किया गया था, तब अंग्रेजी को कामकाजी भाषा के तौर पर सिर्फ 15 वर्षों के लिए सेवा में माना गया था.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1950 से लेकर अब तक उसका यह दर्जा अब भी बरकरार है, जबकि हिंदी जिसे आधिकारिक भाषा बनाया गया था, उसकी अनदेखी हुई. उन्होंने कहा कि भाषा लोगों के जन्म स्थान और आसपास के माहौल से जुड़ी है और अंग्रेजी भारतीयों पर थोपी गयी है. हिंदी भाषा की इजाजत अभी सिर्फ उच्च न्यायालयों में होने का जिक्र करते हुए पासवान ने कहा कि अंग्रेजी सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में अनिवार्य नहीं, बल्कि वैकल्पिक होनी चाहिए.

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