दूरदर्शन हुआ 60 वर्ष का, लोगों ने यादें ताजा कीं
नयी दिल्ली : दूरदर्शन के रविवार को 60 वर्ष पूरे हो गये. इस मौके पर लोगों ने उस सुनहरे दौर को याद किया जब महाभारत, फौजी और मालगुडी डेज जैसे धारावाहिकों से देश के लोगों का मनोरंजन होता था. भारत के सार्वजनिक लोक प्रसारक की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर लोगों ने ट्विटर […]
नयी दिल्ली : दूरदर्शन के रविवार को 60 वर्ष पूरे हो गये. इस मौके पर लोगों ने उस सुनहरे दौर को याद किया जब महाभारत, फौजी और मालगुडी डेज जैसे धारावाहिकों से देश के लोगों का मनोरंजन होता था.
भारत के सार्वजनिक लोक प्रसारक की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर लोगों ने ट्विटर पर पुराने दिनों की यादें ताजा कीं और सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पूछा, आपका पसंदीदा डीडी शो कौन सा है. कुछ लोगों ने इसके लोगो को पोस्ट किया जो कार्यक्रम शुरू होने से पहले स्क्रीन पर दिखता था और उस समय की विशिष्ट धुन को भी साझा किया. प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा, यह समय यह महसूस नहीं करने का है कि दूरदर्शन पुराना हो गया है, बल्कि डिजिटल दर्शकों के लिए यह नया होता जा रहा है. उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि केवल दूरदर्शन 60 वर्ष का हो गया है, बल्कि भारत में टेलीविजन प्रसारण का इतिहास छह दशक पुराना है जो भारत में टीवी उद्योग के लिए मील का पत्थर है.
दूरदर्शन की महानिदेशक सुप्रिया साहू ने कहा, दूरदर्शन भारत के डीएनए में है. दूरदर्शन को जन्मदिन मुबारक. डीडी के गौरवशाली 60 वर्ष. तुम पीढ़ियों तक भारतीयों को गुदगुदाते रहो. दूरदर्शन की शुरुआत प्रायोगिक तौर पर 15 सितंबर 1959 को हुई थी और 1965 से इसकी सेवा तब शुरू हुई जब इसने राष्ट्रीय राजधानी के घरों में सिग्नल भेजना शुरू किया था. इसकी सेवाएं 1972 में मुंबई और अमृतसर में शुरू हुईं और फिर 1975 तक यह अन्य सात शहरों तक पहुंचा. तब तक यह राष्ट्रीय प्रसारक ऑल इंडिया रेडियो का हिस्सा था. एक अप्रैल, 1976 को यह सूचना प्रसारण मंत्रालय में अलग विभाग बना.
बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान जैसे कलाकारों का कॅरियर बनाने में दूरदर्शन की भूमिका अहम रही जिन्हें धारावाहिक फौजी से शोहरत मिली. चित्रहार, महाभारत, देख भाई देख, फौजी, मालगुडी डेज सहित कई मनोरंजन शो ने 1980 और 1990 के दशक के शुरुआती दिनों में लोगों का भरपूर मनोरंजन किया.