नेपाल यात्रा के दौरान लुंबिनी और जनकपुर नहीं जा सकेंगे प्रधानमंत्री
काठमांडू: अपनी दो दिनों की नेपाल यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था कारणें से गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी और सीता की जन्म स्थली जनकपुर धाम की यात्र नहीं कर सकेंगे. विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता दीपक धीतल ने बताया, ‘अब तक हमने भारत के प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम में लुंबिनी या जनकपुर को शामिल […]
काठमांडू: अपनी दो दिनों की नेपाल यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था कारणें से गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी और सीता की जन्म स्थली जनकपुर धाम की यात्र नहीं कर सकेंगे.
विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता दीपक धीतल ने बताया, ‘अब तक हमने भारत के प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम में लुंबिनी या जनकपुर को शामिल नहीं किया है. मोदी की दो दिवसीय यात्रा के विस्तृत कार्यक्रम को अंतिम रुप दिया जाना बाकी है.
मंत्रालय के करीबी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के अपनी यात्रा के दौरान पशुपति, लुंबिनी और जनकपुर के विकास के लिए अलग से सहायता पैकेज की घोषणा करने की संभावना है.
मोदी पशुपतिनाथ मंदिर में प्रार्थना करेंगे.वह हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रवण महीने की सोमवार को मंदिर की यात्र करेंगे.इसे हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाता है.पशुपतिनाथ मंदिर के अधिकारी फिलहाल मोदी की यात्रा का कार्यक्रम तैयार करने में जुटे हैं.मंदिर के अधिकारियों को उम्मीद है कि मोदी मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए सहायता की घोषणा करेंगे क्योंकि भारत इसे काफी महत्व देता है.
लुंबिनी यूनेस्को की विरासत स्थल है और उसे विशेष तौर पर अंतर्राष्ट्रीय विश्व विरासत कार्यक्रम के लिए नामित किया गया है. लुंबिनी काठमांडू से 180 किलोमीटर दूर है.
जनकपुर जिसे जनकपुरधाम के नाम से भी जाना जाता है यह काठमांडू से तकरीबन 123 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है. यह भारत सीमा से 20 किलोमीटर दूर है.