”किताब बम” से सियासी तूफान
नयी दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की आत्मकथा को लेकर सियासी तूफान जारी है. नटवर सिंह पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पलटवार किया कि वह अपनी किताब के साथ सामने आएंगी जिसमें ‘‘सच’’ का खुलासा होगा. सोनिया को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी समर्थन मिला. मनमोहन ने सोनिया […]
नयी दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की आत्मकथा को लेकर सियासी तूफान जारी है. नटवर सिंह पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पलटवार किया कि वह अपनी किताब के साथ सामने आएंगी जिसमें ‘‘सच’’ का खुलासा होगा. सोनिया को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी समर्थन मिला. मनमोहन ने सोनिया का प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से इनकार और कई मुद्दों पर नटवर सिंह की टिप्पणियों को ‘‘मार्केटिंग का तरीका’’ करार दिया.
सोनिया ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं खुद अपनी किताब लिखूंगी और तब आपको सब कुछ पता चल जाएगा-सच्चाई तभी सामने आएगी जब मैं लिखूंगी- मैं इस बारे में गंभीर हूं और मैं किताब लिखूंगी.’’ सोनिया नटवर सिंह की आत्मकथा से पैदा हुए विवाद के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रही थीं. आत्मकथा में नटवर सिंह ने दावा किया है कि राहुल गांधी को डर था कि प्रधानमंत्री बनने पर सोनिया की जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से मना कर दिया.
नटवर के इस दावे से सोनिया के उस बयान पर विरोधाभास पैदा होता है कि उन्होंने अपनी ‘‘अंतरात्मा की आवाज’’ सुनकर शीर्ष पद हासिल करने से इनकार कर दिया. सोनिया ने कहा कि नटवर सिंह के खुलासों से उन्हें कोई दुख नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने अपने पति राजीव गांधी की हत्या और अपनी सास इंदिरा गांधी को गोलियों से छलनी देखा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन चीजों से बिल्कुल दुखी नहीं होती. इन चीजों से मुझ पर कोई असर नहीं पडता.’’ नटवर सिंह (83) किसी जमाने में गांधी परिवार के नजदीकी हुआ करते थे पर 2008 में उन्होंने कांग्रेस छोड दी थी. इराकी तेल के बदले अनाज घोटाले के मद्देनजर उन्हें 2005 में यूपीए-1 सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पडा था.