नासिक में बोले पीएम मोदी, श्रीराम के लिए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में बाधा ना डालें
मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नासिक में ‘महाजनादेश यात्रा समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि पिछले दो-तीन सप्ताह से कुछ ‘बयान बहादुर लोग’ राम मंदिर को लेकर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. प्रभु श्रीराम के लिए वे लोग सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रूकावट ना डाले. देश के सभी […]
मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नासिक में ‘महाजनादेश यात्रा समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि पिछले दो-तीन सप्ताह से कुछ ‘बयान बहादुर लोग’ राम मंदिर को लेकर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. प्रभु श्रीराम के लिए वे लोग सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रूकावट ना डाले. देश के सभी नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट में विश्वास है और वे कोर्ट का सम्मान करते हैं. संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा ने कहा कि पूरे देश में भाजपा की लहर को और मजबूती देना है. आज इस रैली में जो इतनी भीड़ उमड़ी है, वह नासिक में लोकतंत्र के कुंभ का परिचायक है. महाराष्ट्र की जनता देवेंद्र फडणवीस को आशीर्वाद देने के लिए यहां आयी है. यहां की जनता उन्हें वोट देगी जो आशा के अनुरूप काम करेंगे..
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र में नयी सरकार को बने 100 दिन पूरे हो चुके हैं और इस सरकार का पहला शतक आपके सामने है. इस शतक में धार भी है, रफ़्तार भी है और आने वाले 5 वर्षों की साफ सुथरी तसवीर भी है. इस पहले शतक में, Promise है, Performance है और Delivery है.
पीएम श्री नरेन्द्र मोदी नासिक, महाराष्ट्र में 'महाजनादेश यात्रा समारोह' को संबोधित करते हुए। #MahaJanadeshWithModi https://t.co/DgrjqrTtcM
— BJP (@BJP4India) September 19, 2019
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में राजनीतिक अस्थिरता थी जिसके कारण महाराष्ट्र का उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था. मुंबई महानगरी की चकाचौंध में महाराष्ट्र के दूर दराज के क्षेत्र, वहां के गरीब, किसान राजनीतिक अस्थिरता के शिकार हो गये हैं.भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि जब लोकसभा चुनाव चरम पर था, तब मैं डिंडोरी में एक सभा करने आया था. उस सभा में ऐसा जनसैलाब उमड़ा था कि उसने पूरे देश में चल रही भाजपा की लहर को और प्रचंड बना दिया था. आज नासिक की ये रैली और भी आगे निकल गयी है. मैं इसे अपने जीवन का बहुमूल्य पल मानता हूं, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति उदयन ने मेरे सिर पर एक छत्र रखा है. ये सम्मान भी है और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति दायित्व का भी प्रतीक है.