रक्षा मंत्री ने कहा- सशस्त्र बलों में 2029-30 तक 75 फीसदी देशी तकनीक का होगा इस्तेमाल

बेंगलुरु : स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को उड़ाने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सशस्त्र बलों में 2029- 30 तक 75 फीसदी देशी तकनीक का इस्तेमाल होगा. सिंह ने बृहस्पतिवार की सुबह बेंगलुरु में एचएएल हवाई अड्डे से तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2019 8:09 PM

बेंगलुरु : स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को उड़ाने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सशस्त्र बलों में 2029- 30 तक 75 फीसदी देशी तकनीक का इस्तेमाल होगा.

सिंह ने बृहस्पतिवार की सुबह बेंगलुरु में एचएएल हवाई अड्डे से तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाया. इसके साथ ही सिंह पहले रक्षा मंत्री बन गये हैं जिन्होंने देश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान को उड़ाया है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के उत्पादों की प्रदर्शनी के बाद सिंह ने कहा, 2029- 30 तक देशी तकनीक का इस्तेमाल करीब 75 फीसदी हो जायेगा. किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि हम इस तरह से देशी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कहा, वह दिन दूर नहीं जब हम अपने देश में ही सौ फीसदी सामान बनायेंगे. डीआरडीओ की प्रदर्शनी में मंत्री ने कहा, आज मैंने जो देखा है और मैंने जो सुना है, उस आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश को आप पर गर्व है.

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ न केवल भारत में विश्वसनीय संगठन है बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिल रही है. उन्होंने कहा, हथियार, गोला-बारूद भारत में ही बनाये जा रहे हैं. हम धीरे-धीरे इस तरह से क्षमता निर्माण कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि हमारी निर्यात क्षमता भी बढ़ रही है. मंत्री ने कहा, हाल में विकसित एसैट (उपग्रह भेदी) मिसाइल, बालाकोट हवाई हमले में ‘नेत्र’ का इस्तेमाल और हाल में हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण दिखाता है कि डीआरडीओ में देश का विश्वास मजबूत हुआ है. ‘नेत्र’ एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूसी) विमान है और फरवरी में भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट (पाकिस्तान) में किये गये हवाई हमले में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.

सिंह ने कहा, प्रदर्शनी में निजी उद्योगों की भागीदारी भी दिखती है. हम बड़े उद्योगपतियों के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते. उनका बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि समय के साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कार्यों की पहचान दिन ब दिन बढ़ रही है. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि सरकार को एचएएल को बढ़ावा देने की जरूरत है.

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