विक्रम लैंडर को लेकर इसरो प्रमुख ने दिया बड़ा बयान, कहा-अब ”गगनयान मिशन” होगी प्राथमिकता
बेंगलुरु: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के प्रमुख कैलाशविदु सिवन ने विक्रम लैंडर के बारे में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि विक्रम लैंडर कहां है लेकिन उससे संपर्क स्थापित कर पाने में अब सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अब हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है. भली-भांति काम कर […]
बेंगलुरु: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के प्रमुख कैलाशविदु सिवन ने विक्रम लैंडर के बारे में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि विक्रम लैंडर कहां है लेकिन उससे संपर्क स्थापित कर पाने में अब सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अब हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है.
ISRO Chief K Sivan: Chandrayaan-2 orbiter is doing very well. There are 8 instruments in the orbiter & each instrument is doing exactly what it meant to do.Regarding the lander, we have not been able to establish communication with it. Our next priority is Gaganyaan mission. pic.twitter.com/eHaWL6e5W1
— ANI (@ANI) September 21, 2019
भली-भांति काम कर रहा है ऑर्बिटर
इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि ऑर्बिटर में कुल 08 इंस्ट्रूमेंट हैं और सब भली-भांति काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विक्रम लैंडर से संपर्क टूट जाने के बावजूद हमारा मून मिशन सफल रहा क्योंकि ऑर्बिटर अपना काम कर रहा है. अब हमारी प्राथमिकता गगनयान मिशन है जिसके तहत पहली बार भारत अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजेगा.
विक्रम लैंडर से टूट गया था संपर्क
गौरतलब है कि बीते सात सितंबर को चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव पर उतारने की कोशिश हो रही थी जिसके लिए सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया अपनायी जा रही थी. लेकिन जब विक्रम लैंडर चांद की सतह से महज ढाई किमी दूर था, इसरो के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया. हालांकि इससे पहले ऑर्बिटर ने अपना काम करना शुरू कर दिया.
धूमिल हो गयी संपर्क की उम्मीद
कुछ समय बाद विक्रम लैंडर का पता चल गया जिसमें बताया कि लैंडर चांद की सतह पर लैंडिंग साइट से कुछ दूरी पर गिरा हुआ है. तब आशंका जताई गयी थी कि शायद तकनीकी गड़बड़ी की वजह से विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गयी होगी. वैज्ञानिकों ने कहा था कि हम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करेंगे जिसके लिए हमारे पास 14 दिन का वक्त है.
नासा ने की सहयोग की पेशकश
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी इसमें सहयोग की बात कही. लेकिन कल जब नासा का ऑर्बिटर विक्रम लैंडर के ऊपर से गुजरा तो वो उसकी तस्वीर नहीं ले पाया क्योंकि वहां अब अंधेरा होने लगा है. इसके साथ ही लैंडर से दोबारा संपर्क स्थापित करने की सारी संभावना धूमिल हो गयी.
अब इसरो प्रमुख के सिवन के बयान से स्पष्ट हो गया कि विक्रम लैंडर से संपर्क हो पाना संभव नहीं है.