नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने वन नेशन, वन कार्ड का प्रस्ताव किया है. सोमवार को उन्होंने सभी नागरिकों के लिए एक बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र (Multipurpose Identity Card) का विचार रखा. इसमें आधार (Aadhar), पासपोर्ट (Passport), ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) और बैंक खाते (Bank Accounts) जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी होंगी. शाह ने यह भी कहा कि जनगणना 2021 (Census 2021) के आंकड़े मोबाइल ऐप्प (Mobile App) के जरिये जुटाये जायेंगे. श्री शाह ने 12000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है.
Union Home Minister Amit Shah: A digital application, an app will be used for population census in the year 2021. It will be transformation from paper to digital census. pic.twitter.com/Xn992vekGz
— ANI (@ANI) September 23, 2019
गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह की प्रणाली भी होनी चाहिए, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अद्यतन हो जाये. उन्होंने कहा, ‘आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है. इसकी संभावनाएं हैं.’ सोमवार को एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने ये बातें कहीं.
श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना के लिए केंद्र सरकार की 12,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. गृह मंत्री ने कहा कि जनगणना के साथ-साथ राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) भी तैयार हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सितंबर, 2020 तक सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) तैयार कर लेना चाहती है. एक बार एनपीआर तैयार हो जायेगा, तो फिर नागरिक पंजी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) भी तैयार हो जायेगा. राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार करने में असम में जिस समस्या का समाधान करना पड़ा, उससे बचा जा सकेगा.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए सरकार हर 10 साल में जगनणना करवाती है. गृह मंत्री का कहना है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) कई गंभीर मुद्दों का समाधान करने में मदद करेगा. 2011 की जनगणना के आधार पर ही सरकार गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दे पायी.