नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल की परेशानी बढ़ी
नयी दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी मामले में सुनवाई होगी. सोनिया और राहुल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. गौरतलब हो कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में समन जारी हुआ था. नेशनल हेराल्ड […]
नयी दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी मामले में सुनवाई होगी. सोनिया और राहुल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. गौरतलब हो कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में समन जारी हुआ था.
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहली बार अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी कुछ भी नहीं बोलूंगी. मामला अभी हाईकोर्ट में है अत: इस मामले में कुछ भी बोलना उचित नहीं होगा.
* सोनिया,राहुल की हो सकती है जांच
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जांच हो सकती है. प्रवर्तन निदेशालय प्रारंभिक जांच करेगी. इस मामले में अगर सोनिया और राहुल गांधी पर आरोप साबित होते हैं तो उन्हें जुर्माना भी देने पड़ सकते हैं. फेमा कानून के तहत आरोप साबित होने पर तीन गुना अधिक जुर्माना सोनिया,राहुल पर ठोका जा सकता है.
* पटियाला हाउस कोर्ट ने समन जारी किया था
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडीस, मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को 7 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था.
* भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ याचिका दायर की थी
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की थी. स्वामी ने दोनों पर अखबार नेशनल हेराल्ड की संपत्ति पर फर्जीवाडा करके कब्जा किया था. साथ ही स्वामी ने दोनों पर पार्टी फंड का निजी हित में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
* क्या है मामला
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में नेशनल अखबार की स्थापना की थी. इसी अखबार को सोनिया गांधी,राहुल गांधी और पार्टी के कुछ नेताओं ने नवंबर 2012 में 90 करोड़ का ब्याज रहित कर्ज दिया गया था. नियम के अनुसार कोई भी पार्टी इस तरह के कर्ज नहीं दे सकती है. इस पर सानिया गांधी ने सफाई देते हुए कहा था कि सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए कर्ज दिया गया है. गौरतलब हो कि अखबार 2008 में बंद हो गयी.