अपने अभिनय से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले बॉलीवुड के एंग्री यंग मैन और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को इस वर्ष भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान ‘दादा साहब फाल्के अवार्ड’ से सम्मानित किया जायेगा. 1969 में फिल्म सात हिंदुस्तानी से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अमिताभ ने 1970 के दशक में जंजीर, दीवार और शोले जैसी फिल्मों के माध्यम से युवा पीढ़ी के गुस्से को अभिव्यक्ति दी और उन्हें ‘एंग्री यंग मैन’ कहा गया.
करीब दो दशक तक वे हिंदी फिल्मों के सबसे सफल नायक बने रहे. इसी दौर में उन्हें ‘सुपरस्टार’ और ‘महानायक’ जैसी उपाधि दी गयीं. करियर के दूसरे दौर में उन्होंने नये निर्देशकों के साथ ‘ब्लैक’ और ‘पा’ जैसी प्रयोगधर्मी फिल्में की. 76 साल के अमिताभ बच्चन ने टीवी पर भी कामयाबी का नया इतिहास रचा है. साल 2000 से वे गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ को होस्ट कर रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव पर भी उनके पास काम की कोई कमी नहीं है.
50 साल पहले की करियर की शुरुआत, 50 साल पहले ही शुरू हुआ दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड
प्रमुख फिल्में
आनंद, जंजीर, अभिमान, नमक हराम, दीवार, शोले, चुपके-चुपके, अमर अकबर एंथोनी, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, काला पत्थर, दोस्ताना, याराना, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, मर्द, अग्निपथ, शहंशाह, ब्लैक, सरकार, पा.
पुरस्कार-उपाधियां
पद्मश्री (1984), पद्म भूषण (2001), पद्म विभूषण (2015), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 15 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड, सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार, फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन ऑफ हॉनर.’
बधाई का लगा तांता
बहुत बहुत खुशी की बात है और भी पहले मिलता तो मुझे और भी खुशी होती. वह डिजर्व करते हैं. मैं क्या कहूं सारी दुनिया कहती है कि वह बहुत बड़े कलाकार हैं. इतना ही नहीं वह एक बहुत बड़े इंसान भी हैं.
लता मंगेशकर
भारतीय सिनेमा का इस लिजेंड के बिना जिक्र ही नहीं हो सकता. उन्होंने अपने हर किरदार के साथ सिनेमा को रिडिफाइन किया है. भरतीय सिनेमा में अपने योगदान के लिए वह प्रशंसा के हकदार हैं! बधाई.
अनिल कपूर
- भरतीय सिनेमा के सबसे प्रेरणादायक लीजेंड. वे एक रॉकस्टार हैं. मैं उनकी सदी में जन्म लेकर काफी गर्व महसूस कर रहा हूं. करण जौहर
- वर्ष 1984 में अपने मित्र पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आग्रह पर इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. तीन वर्ष के बाद इस्तीफा दे दिया.
- जब राजकपूर ने अमिताभ की आवाज सुनी थी, तभी उन्होंने कहा था कि एक दिन इस दमदार आवाज का मालिक इंडस्ट्री का बेताज बादशाह बनेगा.