उत्तरी अरब सागर में पाकिस्तान का युद्धाभ्यास, भारत ने भी अग्रिम पंक्ति पर तैनात किया अपना युद्धपोत
नयी दिल्ली: भारत पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसले के लेकर तनाव चरम पर है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले पर जहां हिन्दुस्तान ने वैश्विक समर्थन हासिल कर लिया है वहीं पाकिस्तान अपने दावों पर समर्थन जुटा पाने में असमर्थ रहा है. इसी बीच एक अहम खबर सामने आई है जो भारत को चिंता में […]
नयी दिल्ली: भारत पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसले के लेकर तनाव चरम पर है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले पर जहां हिन्दुस्तान ने वैश्विक समर्थन हासिल कर लिया है वहीं पाकिस्तान अपने दावों पर समर्थन जुटा पाने में असमर्थ रहा है. इसी बीच एक अहम खबर सामने आई है जो भारत को चिंता में डालने वाली है.
पाकिस्तान ने जारी किया दिशा-निर्देश
दरअसल पाकिस्तान ने अरब सागर के उत्तरी इलाके में समुद्री युद्धाभ्यास शुरू किया है. 25 सितंबर से शुरू हुआ ये युद्धाभ्यास 29 सितंबर तक चलेगा. पाकिस्तान ने इसको लेकर एक सूचना जारी किया है. सूचना में कहा गया है कि इस इलाके से गुजरने वाले मालवाहक जहाज चौकन्ना रहें क्योंकि वे इस तिथि के बीच लाइव मिसाइल, रॉकेट और बंदूकों की फायरिंग करेगा.
ताजा हालातों को लेकर चौकन्ना भारत
बता दें कि पाकिस्तान का ये रूटीन सैन्याभ्यास है लेकिन कश्मीर पर उपजे ताजा हालातों के मद्देनजर भारत चौकन्ना है. हिन्दुस्तान का चौकन्ना रहना स्वाभाविक है क्योंकि बालाकोट एयरस्ट्राइक और आर्टिकल 370 हटाने के बाद पाकिस्तान भारत पर हमला करने को बेताब है. पाक पीएम इमरान खान, और उनके कैबिनेट मंत्रियों के लगातार बयानों से इस बात की तस्दीक होती है.
पाकिस्तान की युद्धाभ्यास की घोषणा को देखते हुए भारत ने कुछ युद्धपोत, गोताखोर जहाज, समुद्री सीमा की पेट्रोलिंग करने वाले विमानों सहित कुछ युद्धक विमानों को मोर्चे पर तैनात कर रखा है. हिन्दुस्तान ने ये कदम अरब सागर में पाकिस्तान के युद्धाभ्यास पर नजदीक से निगरानी रखने के लिए उठाया है.
बदल भी सकता है पाकिस्तान का इरादा
सिक्योरिटी एजेंसियों के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी युद्धाभ्यास पर कड़ी नजर रखी जा रही है. अगर पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह की हिमाकत की जाती है तो इससे निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है. सेना के सूत्रों का कहना है कि वैसे तो पाकिस्तान का युद्धाभ्यास सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है लेकिन उसका इरादा बदल भी सकता है और इस स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता.