कांग्रेस का भाजपा पर हमला : मोदी-ट्रंप की बातचीत भारत की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक से निराश है, जो ‘अतिरंजित’ ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में सौजन्य और दोस्ती के सार्वजनिक प्रदर्शन के बावजूद भारत की उम्मीदों पर खरा उतरने में ‘असफल’ रही. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक से निराश है, जो ‘अतिरंजित’ ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में सौजन्य और दोस्ती के सार्वजनिक प्रदर्शन के बावजूद भारत की उम्मीदों पर खरा उतरने में ‘असफल’ रही.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा को लेकर उत्साह सही नहीं है क्योंकि खुशी मनाने की कोई वजह नहीं है. उन्होंने सरकार से असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा. उन्होंने एक बयान में कहा, यात्रा से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, जो भाजपा के जश्न को सही ठहराये. प्रधानमंत्री अमेरिकी बाजारों में भारतीय निर्यात के लिए सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (जीएसपी) को बहाल कराने, भारतीय पेशेवरों के लिए एच1-बी वीजा में कटौती को और शुल्कों में तेज बढ़ोतरी में वापस कराने में असफल रहे. शर्मा ने कहा व्यापार समझौतों को पूरा करने में मिली असफलता से भारतीय उद्योगजगत और निर्यातकों को निराशा हुई, जो अर्थव्यवस्था में मंदी से परेशान हैं.
उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री मोदी को भारत के इस दृढ़ और सतत रुख को दोहराने के लिए बधाई देते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसका विलय अंतिम और अपरिवर्तनीय है. हम इस आधिकारिक स्थिति का समर्थन करते हैं कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दे भारत के आंतरिक मुद्दे हैं और किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिये गये भड़काऊ और बेतुके बयान की निंदा की और कहा कि ये भारत को बदनाम करने के लिए झूठ और गलत तथ्यों का इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश थी. शर्मा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान अन्य देशों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक एक नियमित व्यवस्था का हिस्सा है और उनका कोई विशेष महत्व नहीं है, जैसा कि भाजपा के प्रचार में दावा किया जा रहा है.