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आर्मी चीफ रावत की पाक को चेतावनी- LOC पार करने के लिए नहीं पड़ेगा सोचना, रास्ता भी हम ही करेंगे तय

नयी दिल्ली : आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि लुकाछिपी का खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला है. अगर हमें एलओसी पार करना पड़ा, तो करेंगे. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भले ही बालाकोट में अपने आतंकी […]

नयी दिल्ली : आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि लुकाछिपी का खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला है. अगर हमें एलओसी पार करना पड़ा, तो करेंगे. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भले ही बालाकोट में अपने आतंकी कैंप को फिर से सक्रिय कर लिया हो, लेकिन भारत का रुख बिल्कुल साफ है कि वह जम्मू-कश्मीर के माहौल को खराब करने की पाकिस्तान की मंशा को कामयाब नहीं होने देगा.

आपको बता दें कि ऐसी खबर आयी है कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद का कैंप फिर ऐक्टिव हो गया है. खुफिया जानकारी के अनुसार, भारत में 250,300 या 500 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं. आर्मी चीफ ने कहा कि दोनों स्ट्राइक ने यह संदेश दिया गया है कि एलओसी पार नहीं किया जाएगा. ऐसा तबतक किया जाएगा जबतक कि दूसरी तरफ शांति है और माहौल को बिगाड़ने का प्रयास नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को नियंत्रित करने का काम करता है, जो उसके प्रॉक्सी की तरह काम करते हैं. ज्यादा समय तक यह लुकाछिपी का खेल नहीं चलने वाला, यदि हमें सीमा पार जाने की जरूरत महसूस हुई तो हम जाएंगे, चाहे हवाई मार्ग से जाना पड़े या थल मार्ग से…

रावत ने कहा कि रेड लाइन बहुत स्पष्ट तरीके से खींची हुई है, जो कि आगे की कार्रवाई को तय करने का काम करेगा. आगे उन्होंने कहा कि 5 अगस्त के बाद घुसपैठ के प्रयास में बढोतरी हुई है. घाटी में आतंकी संगठनों पर लगाम लगाया जा चुका है जिसके बाद यहां पाकिस्तान फिर से हिंसा पैदा करने की कोशिश में लगा हुआ है. वह युवाओं को भड़काने के लिए कुछ लोगों को सीमा पार भेजने को बेचैन है. लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं. कोई भी आतंकी हमारी सीमा में नहीं घुस पाए और हम संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.

परमाणु हथियार की धमकी को लेकर आर्मी चीफ ने कहा कि परमाणु हथियार निवारण का हथियार है जो युद्ध में लड़ने वाले हथियार में शामिल नहीं है. मुझे एक बात समझ नहीं आती कि कोई यह दावा कैसे कर सकता है कि वह इसका इस्तेमाल पारंपरिक युद्ध में करेगा, या उस पर हमले की स्थिति में करेगा. क्या कभी विश्व समुदाय आपको इस तरह से परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने देगा ?

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