SC में अयोध्या मामले की सुनवाई का 34वां दिन, रामलला विराजमान ने किया मध्यस्थता से इनकार
नयी दिल्लीः अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज 34वें दिन की सुनवाई जारी है. इस मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से शेखर नाफड़े ने दलील शुरू की. बहस के दौरान नाफड़े ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कई दूसरे मामलों के फैसले का भी हवाला दिया. […]
नयी दिल्लीः अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज 34वें दिन की सुनवाई जारी है. इस मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से शेखर नाफड़े ने दलील शुरू की. बहस के दौरान नाफड़े ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कई दूसरे मामलों के फैसले का भी हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने 1885 के फैसले को भी माना. हिन्दू पक्षकारों ने सीमित अधिकार माना था, उन्होंने अपने अधिकार बढ़ाने की कोशिश की और सीता रसोई पर दावा भी किया. जबकि हिन्दुओं का अंदरूनी आंगन में कोई अधिकार नहीं था. बहस के दौरान नाफड़े ने कहा कि हिंदुओं का वहां पर सीमित अधिकार था, और उस जगह पर मस्जिद मौजूद थी.
Ayodhya case: One of the parties, 'Ram Lalla Virajman', today told the Supreme Court that it doesn't want to go for any kind of mediation in the case. Today was the 34th day of the hearing in the case. pic.twitter.com/bRy4AWAU6c
— ANI (@ANI) September 30, 2019
अंदरूनी आंगन मस्जिद का हिस्सा था.रामलला विराजमान ने कहा कि हम मध्यस्थता में भाग नहीं लेंगे. विराजमान के वकीलों ने कहा कि वे मध्यस्थता नहीं चाहते हैं. इसे लेकर अदालत को फैसला करने दें.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर सुनवाई कर रहा है. अब इस मामले में 18 अक्टूबर को बहस होगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पर टिप्पणी करने से मना कर दिया.