नयी दिल्ली : वायुसेना प्रमुख के तौर पर प्रभार ग्रहण करने के बाद एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने सोमवार को कहा कि वायु सेना पश्चिमी मोर्चे के घटनाक्रम पर नजर रख रही है और अगर सरकार निर्देश देती है तो वह बालाकोट जैसा हमला करने के लिए तैयार है.
भदौरिया को 26 तरह के विमानों को तकरीबन 4,250 घंटों तक उड़ाने का अनुभव है. उन्होंने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए वाणिज्यिक वार्ता का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान को शामिल किये जाने से भारतीय वायुसेना की क्षमता में इजाफा होगा. भदौरिया ने कहा, हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और मैं देश को एक बार फिर आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम उस हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं, जहां हमारी सेवा की जरूरत देश को होगी. वायुसेना प्रमुख से जब थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की पाकिस्तान के बालाकोट में फिर से आतंकी शिविरों के सक्रिय होने की टिप्पणी और सीमा पार दूसरा हमला करने की तैयारी के संबंध में पूछा गया तो, उन्होंने कहा, हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और सरकार से निर्देश मिलने पर किसी भी अभियान को अंजाम देंगे.
वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर निशाना बनाकर हमला किया था. इसे सीमापार से होने वाले आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए भारत के रुख में बड़े बदलाव की तरह देखा गया. उन्होंने कहा कि वायु सेना इस तरह के मिशन के लिए तैयार है. इस पर विस्तार से जानकारी दिये बिना उन्होंने कहा कि वायु सेना महत्वपूर्ण युद्धक क्षमताओं को हासिल करने की प्रक्रिया में है. इससे वायु सेना की अभियानगत क्षमता बढ़ेगी. उन्होंने कहा, हम हमेशा सावधान हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. भदौरिया ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से वायु सेना की युद्धक क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा. आठ अक्टूबर को पेरिस में एक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 36 में से पहला राफेल जेट प्राप्त करेंगे.
वायुसेना के आधुनिकीकरण को अपनी प्रमुख प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना का आधुनिकीकरण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया को विस्तार देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं. महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए हमें स्वदेशी डिजाइन और विकास की जरूरत है. वायु सेना कर्मियों को अपने संक्षिप्त संदेश में उन्होंने कहा कि वायु सेना का ध्यान शामिल नयी सेवाओं और उपकरणों को तेजी से काम में लाने के साथ ही वायु सेना की संचालन योजना में इनकी क्षमताओं को पूरी तरह शामिल करना भी शामिल है. वायु सेना के 26वें प्रमुख के तौर पर प्रभार संभालने के बाद भदौरिया ने रक्षा मंत्री से मुलाकात की.
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि स्वदेशी डिजाइन और विकास पर आत्मनिर्भरता बढ़ाने के साथ महत्वपूर्ण क्षमताओं तथा प्रौद्योगिकी की खरीदारी के जरिए आधुनिकीकरण पर भी जोर रहेगा. मौजूदा समस्त बेड़े और साजो-सामान को बनाए रखने के लिए स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा देंगे. भदौरिया ने जून 1980 में भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था और वह विभिन्न कमान, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल पदों पर रहे हैं. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भदौरिया ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ पुरस्कार भी जीता. एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि दुनिया की सबसे बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक की कमान संभालते हुए वह जिम्मेदारी और सम्मान की भावना महसूस कर रहे हैं.