जम्मू : सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर में सशस्त्र आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उनके 20 से अधिक मार्गों की पहचान की है और वहां बहुस्तरीय सुरक्षा इंतजाम किया है.
खुफिया सूचनाओं के अनुसार, पिछले दो महीने में नियंत्रण रेखा से कश्मीर घाटी में 60 से अधिक सशस्त्र आतंकवादियों ने तथा नियंत्रण रेखा से पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में 20 से अधिक आतंकवादियों ने घुसपैठ किया. अधिकारियों ने बताया कि 20 से अधिक घुसपैठ मार्गों की पहचान की गयी है और सशस्त्र आतंकवादियों के प्रवेश को रोकने के लिए सुरक्षा तंत्र मजबूत किया गया है. उन्होंने बताया कि सीमा पर बाड़बंदी की घुसपैठ अवरोधक व्यवस्था के साथ साथ दो से तीन स्तर की सुरक्षा इंतजाम किया गया है. उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना और बीएसएफ की सुरक्षा के पहले स्तर के अलावा, ग्राम रक्षा समितियां और पुलिस को भी सक्रिय किया गया है तथा चौकियां भी स्थापित की गयी हैं. सीमा से सटे अंदरूनी क्षेत्रों में गश्ती की जाती है.
उन्होंने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्राम रक्षा समितियों को सक्रिय करने के अलावा वहां संदिग्ध हरकतों पर नजर रखने के लिए सभी थानों एवं पुलिस चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बृहस्पतिवार को सेना और बीएसएफ के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान सुरक्षाबलों को पाकिस्तानी सीमा पर घुसपैठ रोधी तंत्र को हाई अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया था. घुसपैठ अवरोधक तंत्र में विभिन्न सूत्रों से मिली सूचनाओं के अनुसार 60 से अधिक आतंकवादी यशमार्ग के जरिये राज्य के दक्षिण हिस्सों में पहुंचने के लिए (उत्तरी कश्मीर में) गुलमर्ग, बांदीपुरा और बारामूला के बोनियार की ऊंची जगहों के मार्फत घाटी में दाखिल हुए. पाकिस्तान से कबायली छापामारों ने यही मार्ग अपनाया था.
सूत्रों ने बताया कि इस बार आतंकवादी बांदीपुरा-गंगबल-चातेरगुल मार्ग का भी इस्तेमाल कर रहे हैं जो सालों से निष्क्रिय था. गुर्जरों ने उन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आंतकवादियों क मौजूदगी की खबर दी है. सूत्रों ने बताया कि कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी, पुंछ, बारामूला, बांदीपुरा और कुपवाड़ा जिलों में नियंत्रण रेखा एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ के रास्तों की पहचान की गयी है. एक अधिकारी ने कहा, आतंकवादी पीओके से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए घने जंगल, सूखे नालों, नहरों, बहुत कम आबादी वाले क्षेत्रों का फायदा उठा रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान के साथ180 किलोमीटर लंबी अतंरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा संभाल रहे बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन के माध्यम से किसी घुसपैठ को रोकने के लि अपनी निगरानी चौकियों और ‘सुनने वाली चौकियों’ को और मजबूत बनाया है.
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नदी वलो क्षेत्रों में गश्ती कर रहा है और उसने पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ के आतंकवादियों के मंसूबे को विफल करने के लिए चेनाब नदी में पानी गश्ती दल भी तैनात किया है. गोई-कठुआ-चिराट क्षेत्र, कोटली-सेंसा क्षेत्र, मीरपुर-बिंडी, समानी-कुडियाली-गुरनुम क्षेत्र और सियालकोट-जफरवाला क्षेत्र में भी आतंकवादियों के मौजूद होने की खबर है.