अरूणांचल प्रदेश की पहाड़ियों में भारतीय सेना का ”हिम विजय’, चीन को मुहंतोड़ जवाब देने की तैयारी

नयी दिल्ली: भारतीय सेना अरूणांचल प्रदेश में गुप्त रूप से एक सैन्याभ्यास कर रही है. इस अभियान को ऑपरेशन ‘हिम विजय’ नाम दिया गया है जिसका आयोजन भारत-चीन सीमा पर किया जा रहा है. युद्धाभ्यास का मकसद माउंटेन वॉरफेयर की दिशा में नए इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को टेस्ट करना है. इसके लिए एक आईजीबी बनायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2019 2:04 PM

नयी दिल्ली: भारतीय सेना अरूणांचल प्रदेश में गुप्त रूप से एक सैन्याभ्यास कर रही है. इस अभियान को ऑपरेशन ‘हिम विजय’ नाम दिया गया है जिसका आयोजन भारत-चीन सीमा पर किया जा रहा है. युद्धाभ्यास का मकसद माउंटेन वॉरफेयर की दिशा में नए इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को टेस्ट करना है. इसके लिए एक आईजीबी बनायी जाएगी.

चीन को युद्धाभ्यास से जवाब

बता दें कि हाल ही में चीन ने अपने 70वें सलाना परेड के दौरान अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया था. इस परेड में चीनी सेना ने सुपरसोनिक ड्रोन, फाइटर बमवर्षक और लंबी दूरी वाले बैलेस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया गया था. भारत के इस सैन्याभ्यास को इसके जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. भारत इसका आयोजन तब कर रहा है जब अगले हफ्ते चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आ रहे हैं.

पहाड़ियों में युद्ध के लिए तैयारी

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना दुर्गम पहाड़ी इलाकों में कुशलता पूर्वक लड़ने के लिए टुकड़ियों को गठन कर रही है. जिसके तहत तीन आईजीबी बनाए जाने की योजना है. प्रत्येक आईजीबी में पांच हजार जवान, युद्धक टैंक, लाइट आर्टिलरी, एयर डिफेंस यूनिट तथा सिग्नल शामिल होगा. इस युद्धाभ्यास में चिनुक हेलीकॉप्टरों को भी शामिल किया गया था जो विपरित परिस्थितियों में सैनिकों को आसानी से एयरलिफ्ट कर सकेगा.

इन उपकरणों का हुआ इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना इस समय आईएएफसी-17, सी-130 सुपर हर्कुलिस, एएन-32 एयरक्राफ्ट के साथ अभ्यास कर रही है. योजना है कि सेना के 17वें ब्रह्मास्त्र को फुर्तिला बनाने तथा तेजी से अटैक करने वाले उच्च कोटि की टुकड़ी में बदला जाए.

पाकिस्तानी सीमा पर भी अभ्यास

गौरतलब है कि अभी हाल ही में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा पर एक ऐसा ही युद्धाभ्यास किया था. पाकिस्तान सीमा पर बनाई गई आईजीबी ने पश्चिमी कमान स्थित चंडीमंदिर में ये सैन्याभ्यास किया था. इसके तहत सेना की योजना है कि ऐसी टुकड़ियां बनाई जाए जो फुर्तीली हो, तेजी से दिया गया टास्क पूरा करे और पहाड़ी इलाकों में चोटियों के बीच तेजी से मूव करे.

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