नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस वर्ष मानसून के दौरान हुई बारिश और बाढ़ से करीब 1900 लोगों की मौत हुई तथा अन्य 46 लोग लापता हैं.
22 राज्यों में करीब 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से सबसे अधिक 382 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई, जबकि 227 मौतों के साथ पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर रहा.
देश के करीब 357 जिले बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित हुए. अधिकारियों ने बताया कि 738 लोग घायल हुए हैं और करीब 20 हजार मवेशियों की भी इस दौरान मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि 1.09 लाख घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, 2.05 लाख मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है और 14.14 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक 1874 लोगों की मौत हुई है.
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मौसम विभाग ने बताया कि आधिकारिक रूप से 30 सितंबर को वर्षा ऋतु समाप्त हो गई लेकिन इसके बावजूद देश के कई इलाकों में मानसून सक्रिय है. इसने बताया कि 1994 के बाद पहली बार इन चार महीनों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है.
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए जिनमें से 382 लोगों की मौत हुई और 369 लोग घायल हुए तथा 7.19 लाख लोगों को 305 राहत शिविरों में स्थानांतरित करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि मानसूनी बारिश और बाढ़ से पश्चिम बंगाल के भी 22 जिले प्रभावित हुए जिनमें 227 लोगों की जान चली गई और 37 लोग घायल हुए. इसके साथ ही चार लोगों के लापता होने की खबर है.
43,433 लोगों को 280 राहत शिविरों में स्थानांतरित करना पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि बिहार में अब भी बाढ़ के हालात हैं. 161 लोगों की बाढ़ से मौत हो चुकी है और 27 जिलों में आयी बाढ़ की वजह से 1.26 लाख लोगों को 235 राहत शिविरों में भेजा गया है.
मध्य प्रदेश के 38 जिलों को बाढ़ का सामना करना पड़ा जिनमें 182 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और 38 लापता हैं. 32996 लोगों को 98 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया.
केरल में भारी बारिश और बाढ़ से 13 जिलों में 181 लोगों की मौत हुई और 72 लोग लापता हैं. 2227 राहत शिविरों में करीब 4.46 लाख लोगों ने आश्रय लिया.
वर्षा ऋतु के दौरान गुजरात के 22 जिलों को बाढ़ का सामना करना पड़ा. इनमें 169 लोगों की मौत हुई, 17 घायल हुए और बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाये गए 102 राहत शिविरों में 17783 लोगों ने आश्रय लिया.
कर्नाटक में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में 106 लोगों ने जान गंवाई और 14 लोग लापता हैं. राज्य सरकार की ओर से स्थापित 3233 राहत शिविरों में करीब 2.48 लोगों ने आश्रय लिया.
इसके साथ ही एक जून से 30 सितंबर के बीच असम के 32 जिलों में बाढ़ आयी, जिनमें 97 लोगों की मौत हुई और 5.35 लाख लोगों को 1357 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया.