कांग्रेस की मांग : गांधी जयंती के दिन #गोडसे_अमर_रहें ट्रेंड कराने की जांच कराये सरकार

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर ट्विटर पर ‘गोडसे अमर रहें’ ट्रेंड कराने पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए और राष्ट्रपिता का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भीड़ हत्या को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2019 8:28 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर ट्विटर पर ‘गोडसे अमर रहें’ ट्रेंड कराने पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए और राष्ट्रपिता का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भीड़ हत्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले बुद्धिजीवियों के खिलाफ कथित तौर पर मामला दर्ज होने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि देश के लोगों को अब यह गंभीरता से सोचना चाहिए कि भारत किस दिशा में जा रहा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, यह बहुत चिंता का विषय है कि जब दो अक्तूबर, 2019 को पूरा देश राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती मना रहा था तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर ‘गोडसे अमर रहें’ ट्रेंड कर रहा था. ये कौन सी शक्तियां हैं, ये कौन लोग हैं जो महात्मा गांधी की जयंती पर ‘गोडसे अमर रहें’ ट्रेंड करवा रहे हैं? अभी तक सरकार ने इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया?

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, हमारी मांग है कि सरकार इस मामले की जांच कराए और राष्ट्रपिता का अपमान करने वालों पर कार्रवाई करे. उन्होंने दावा किया, इस देश में बहुत ही विचित्र हालात बन रहे हैं.

दूरदर्शन में एक अधिकारी को निलंबित कर दिया जाता है क्योंकि वह प्रधानमंत्री के वक्तव्य लाइव नहीं चलाता है. उत्तर प्रदेश में एक डॉक्टर (कफील) को जब जांच समिति निर्दोष पाती है तो उस पर एक और जांच बैठा दी जाती है. जब नामी बुद्धिजीवी भीड़ द्वारा हत्या के बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हैं तो उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया जाता है. तिवारी कहा, देश के लोगों को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि देश किस दिशा में जा रहा है?

उन्होंने सवाल किया, आखिर देश में किसी न किसी तरह से असहिष्णुता का माहौल पैदा हो रहा है? तिवारी ने दावा किया कि मौजूदा समय में जो हो रहा है कि उसका लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बहुत नकारात्मक असर पड़ने वाला है.

Next Article

Exit mobile version