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मुंबईः आरे जंगल में पेड़ों की कटाई, विरोध में सड़कों पर उतर लोग, शिव सेना नेता प्रियंका चोपड़ा हिरासत में

मुम्बईः उत्तरी मुम्बई में हरियाली भरे क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली याचिकाएं उच्च न्यायालय से खारिज होने होने के कुछ ही घंटे बाद जबरदस्त विरोध होने लगा. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिन 2600 से अधिक पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 200 पेड़ शुक्रवार को काट डाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2019 9:29 AM

मुम्बईः उत्तरी मुम्बई में हरियाली भरे क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली याचिकाएं उच्च न्यायालय से खारिज होने होने के कुछ ही घंटे बाद जबरदस्त विरोध होने लगा. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिन 2600 से अधिक पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 200 पेड़ शुक्रवार को काट डाले गये.शिवसेना की नेता प्रियंका चोपड़ा को हिरासत में ले लिया गया है.

सोशल मीडिया पर पेड़ों को काटने का वीडियो वायरल हो गया लेकिन मुम्बई मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों से अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है कि वाकई नियोजित मेट्रो कार शेड के लिए पेड़ों की कटाई शुरू हो गयी है. लेकिन प्रस्तावित कार शेड स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं क्योंकि शुक्रवार देर रात सैकड़ों लोग पेड़ों को काटने से रोकने के लिए पहुंच गये थे. कई ट्वीट कर इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार और बृहन्मुम्बई महानगरपालिका की निंदा की गयी है.

इस मामले पर बॉलिवुड के भी तमाम सिलेब्रिटीज ट्वीट कर अपना विरोध जता रहे हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच गठबंधन का ऐलान तो हो गया है लेकिन चुनाव से ठीक पहले दोनों राजनीतिक पार्टियां आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर अलग-अलग राय रखने लगी हैं. दोनों राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन तो है लेकिन पर्यावरण के मुद्दे पर नहीं.

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा विंग के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे, महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं. एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने पेड़ों की कटान पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

आदित्य ठाकरे ने पेड़ों को काटने के विरोध में लिखा कि जिस तरह से मुंबई मेट्रो-3 के नाम पर पेड़ों को धूर्तता से काटा जा रहा है, वह शर्मनाक और गलत है. यह कैसा रहेगा अगर इन अधिकारियों की नियुक्ति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कर दी जाए और वे पेड़ों की जगह आतंकी शिविरों को तबाह करें.

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