श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को दो महीने पूरे हो चुके हैं. जिस दिन ये ऐतिहासिक फैसला लिया गया उसके बाद से राज्य के अधिकतर नेता नजरबंद है. राज्य के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अभी हिरासत में हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार ने ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से पार्टी नेताओं को मिलने की इजाजत दी है.
फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर के अपने घर में नजरबंद रखा गया है, जबकि उनके बेटे उमर को राज्य अतिथि गृह में हिरासत में रखा गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रवक्ता मदन मंटू ने बताया कि पार्टी के संभाग प्रमुख देवेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह जम्मू से रवाना होगा, जिसमें पार्टी के पूर्व विधायक भी शामिल होंगे. राणा ने इस बाबत राज्यपाल सत्यपाल मलिक से इजाज़त मांगी थी.
मंटू ने बताया कि कि दो दिन पहले पार्टी के जम्मू संभाग के जिला अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ नेताओं की आकस्मिक बैठक में फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलने का फैसला लिया गया था. जम्मू में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं की गतिविधियों पर से पाबंदियां हटा दी गई हैं.
नजरबंदी हटते ही नेशनल कांफ्रेंस ने एक बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया कि नेशनल कांफ्रेंस एक पत्र के माध्यम से राज्यपाल सत्यपाल मलिक से गुजारिश करेगी कि नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं को डॉ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत दी जाए. जिसके बाद प्रशासन ने इजाजत दी है.
इसी साल पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था और राज्य को दो हिस्सों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था. एहतियातन सरकार ने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया और भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की.