नयी दिल्ली : भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा में दशहरे के बाद चलने वाले अपने तूफानी चुनाव अभियान को अंतिम रूप दे दिया है और पार्टी नेताओं का कहना है कि उसके प्रमुख मुद्दों में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, मोदी सरकार का भ्रष्टाचार निरोधक अभियान और देशव्यापी एनआरसी लागू करने जैसे मुद्दे शामिल हैं.
इस तरह पार्टी इन चुनावों के लिए स्थानीय मुद्दों के साथ ही राष्ट्रीय मुद्दों पर भी पूरा जोर देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में 10 रैलियों को और हरियाणा में चार से पांच रैलियों को संबोधित कर सकते हैं.
अनुमान है कि भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह दोनों राज्य में इसके मुकाबले दोगुनी रैलियों को संबोधित कर सकते हैं. दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं. पार्टी के एक नेता ने बताया कि ये संख्या अनुमानित है और इसमें बदलाव हो सकता है. भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के फैसले पर लोगों की राय जानी और लोगों की राय बेहद उत्साहजनक थी.
इसके साथ ही कथित रूप से भ्रष्टाचार में शामिल प्रमुख विपक्षी नेताओं सहित कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर भी लोगों की राय अनुकूल है. इन कार्रवाइयों को विपक्ष ने राजनीतिक बदला करार दिया है. एक भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस जैसे विपक्षी दल इन मुद्दों पर पूरी तरह रक्षात्मक हैं.
इनता ही नहीं, उनके कई नेताओं ने पार्टी लाइन से अलग अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले का समर्थन किया है. मोदी और शाह सहित भाजपा के प्रमुख नेताओं ने इन राज्यों में जीत का पूरा भरोसा जताया है.
पार्टी का मानना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की साफ-सुथरी छवि है और उन्होंने ईमानदार और सक्षम सरकार चलाई है.
भाजपा को उम्मीद है कि वह इन राज्यों में पहले के मुकाबले अधिक बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी. पार्टी ने महाराष्ट्र में शिवसेना सहित गठबंधन साझेदारों के साथ मिलकर 288 सीटों में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में 75 पर जीत हासिल करने की बात कही गई है.