मोदी-शी की अनौपचारिक शिखर बैठक में संबंधों के विस्तार पर रहेगा जोर
नयी दिल्ली : तमिलनाडु स्थित मंदिरों के शहर मामल्लापुरम में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर मतभेद के बावजूद द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा. भारत या चीन की तरफ से अभी तक शी की यात्रा के […]
नयी दिल्ली : तमिलनाडु स्थित मंदिरों के शहर मामल्लापुरम में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर मतभेद के बावजूद द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा.
भारत या चीन की तरफ से अभी तक शी की यात्रा के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ऐसी खबर है कि चीन के राष्ट्रपति शुक्रवार की दोपहर में चेन्नई आयेंगे और अगले दिन लौट जायेंगे. इस अनौपचारिक शिखर वार्ता की तैयारी में शामिल अधिकारियों ने बताया कि शी करीब 24 घंटे भारत में रहेंगे. मुख्य अनौपचारिक शिखर वार्ता के शनिवार सुबह होने की उम्मीद है. राजनयिक सूत्रों ने बताया कि बातचीत मुख्य रूप से परस्पर विकास और संबंधों को बढ़ावा देने पर केंद्रीत होगी. चीन के वुहान शहर में हुए पहले अनौपचारिक शिखर वार्ता की तरह ही यहां भी दोनों नेताओं को एक-दूसरे के साथ अकेले वक्त बिताने के कई मौके मिलेंगे. उस दौरान दोनों देशों के कोई अधिकारी उनके साथ मौजूद नहीं होंगे.
मामल्लापुरम में मोदी संभवत: शी को 7वीं और 8वीं सदी में पल्लव वंश द्वारा बनाये गये मंदिर और स्मारक दिखायेंगे. दोनों नेता संभवत: 11 अक्तूबर की शाम समुद्र किनारे स्थित मंदिर को देखेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेंगे. शाम को मोदी राष्ट्रपति शी के लिए निजी भोज का आयोजन करेंगे. यह शिखर बैठक ऐसे वक्त पर हो रही है जब भारत कश्मीर मुद्दे पर चीन के रुख से निराश है. चीन के विदेया मंत्री वांग यि ने संयुक्त राष्ट्रमहासभा में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किये जाने के भारत के कदम की आलोचना की थी.