नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को विजयादशमी के मौके पर ‘शस्त्र पूजा’ की. इस मौके पर स्वयंसेवकों के पथ संचलन के बाद संघ के बैंड ने प्रस्तुति दी. भागवत ने शहर के रेशीमबाग मैदान में स्वयंसेवकों को संबोधित किया. संगठन के स्वयंसेवकों तथा संघ से संबद्ध संस्थाओं के नाम भी एक संदेश जारी किया.
कानून और व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है।यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है,न ही हमारे संविधान में यह बैठती है।कितना भी मतभेद हो,कानून और संविधान की मर्यादा के अंदर ही,न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा।
— RSS (@RSSorg) October 8, 2019
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि गुरु नानक देव की 550वीं जयंती, गांधी जी की 150वीं जयंती, लोकसभा चुनाव जैसी कई घटनाएं हैं जिनकी वजह यह साल कई सालों तक संस्मरण में रहेगा. भागवत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के लिए मोदी सरकार को एक साहसी फैसला लेने वाली सरकार बताया. कहा कि इस सरकार में जनता ने विश्वास दिखाया है.
सरकार ने भी कई कड़े फैसले लेकर बताया कि उसे जनभावना की समझ है. नयी सरकार को बढ़ी हुई संख्या में फिर से चुनकर लाकर समाज ने उनके पिछले कार्यों की सम्मति व आने वाले समय के लिए बहुत सारी अपेक्षाओं को व्यक्त किया था. जन अपेक्षाओं को प्रत्यक्ष में साकार कर, जन भावनाओं का सम्मान करते हुए, देशहित में उनकी इच्छाएँ पूर्ण करने का साहस दोबारा चुने हुए शासन में है. धारा 370 को अप्रभावी बनाने के सरकार के काम से यह बात सिद्ध हुई है.
उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में एक परिवर्तन भारत की सोच की दिशा में आया है. उसको न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी. भारत को बढ़ता हुआ देखना जिनके स्वार्थों के लिए भय पैदा करता है, ऐसी शक्तियां भी भारत को दृढ़ता व शक्ति से संपन्न होने नहीं देना चाहती. भागवत ने कहा, हमारी स्थल सीमा तथा जल सीमाओं पर सुरक्षा सतर्कता पहले से अच्छी है.
केवल स्थल सीमा पर रक्षक व चौकियों की संख्या व जल सीमा पर(द्वीपों वाले टापुओं की) निगरानी अधिक बढ़ानी पड़ेगी. देश के अन्दर भी उग्रवादी हिंसा में कमी आई है. उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या भी बढ़ी है. सौभाग्य से हमारे देश के सुरक्षा सामर्थ्य की स्थिति, हमारे सेना की तैयारी, हमारे शासन की सुरक्षा नीति तथा हमारे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुशलता की स्थिति इस प्रकार की बनी है कि इस मामले में हम लोग सजग और आश्वस्त हैं.
मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में ऐसी कुछ घटनाएं देखने को मिलती है और हर तरफ से देखने को मिलती हैं. कई बार तो ऐसा भी होता है कि घटना होती नहीं है लेकिन उसे बनाने की कोशिश की जाती है. कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या पश्चिमी तरीका है, देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद तथा सहयोग बढ़ाने के प्रयास में प्रयासरत होना चाहिए. समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग और कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति हो। यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक बात है.
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान पर निशाना साधते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- कुछ लोग संघ के बारे में बिना जानकारी के दुष्प्रचार करते हैं. इमरान खान भी यह बात सीख गए हैं. संघ की स्थापना, संघ का उद्देश्य, संघ के कामों को जाने बगैर संघ के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है. मेरी ही बात सही है के बजाय सबकी बात सही है, मेरी भी बात सही है, ऐसा मानने वाले लोग इस देश में रहे हैं.
गत कुछ वर्षों में एक परिवर्तन भारत की सोच की दिशा में आया है।उसको न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भीहै और भारत में भी।भारत को बढ़ता हुआ देखना जिनके स्वार्थों के लिए भय पैदा करता है,ऐसी शक्तियां भी भारत को दृढ़ता व शक्ति से संपन्न होने नहीं देना चाहती।-मोहन भागवत#RSSVijayaDashami pic.twitter.com/TtQRVcKwxk
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 9 दशकों से समाज में एकात्मता व सद्भावना, सदाचरण व सद्व्यवहार और इस राष्ट्र के प्रति स्पष्ट दृष्टि व भक्ति उत्पन्न करने का कार्य कर रहा है.
विजयादशमी का त्योहार सरसंघचालकों के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि इसी दिन 1925 में संघ की स्थापना हुई थी. इस वार्षिक समारोह में एचसीएल के संस्थापक शिव नादर मुख्य अतिथि हैं. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी इस सामारोह में मौजूद रहे.