मोदी ने कहा,विकासशील देशों की समस्या समझे विकसित देश

नयी दिल्ली:विश्व व्यापार वार्ताओं में विफलता के लिए अमेरिका द्वारा भारत पर दोषारोपण किये जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अमीर देशों को विकासशील देशों में गरीबी की समस्या और इससे निपटने की उनकी जिम्मेदारी को समझना चाहिए. मोदी ने भारत आये अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी तथा वाणिज्य मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2014 7:03 AM

नयी दिल्ली:विश्व व्यापार वार्ताओं में विफलता के लिए अमेरिका द्वारा भारत पर दोषारोपण किये जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अमीर देशों को विकासशील देशों में गरीबी की समस्या और इससे निपटने की उनकी जिम्मेदारी को समझना चाहिए.

मोदी ने भारत आये अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी तथा वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिट्जकर को इस बात से अवगत कराया. अमेरिका के दोनों मंत्री शुक्रवार सुबह मोदी से मिले थे. मुलाकात व्यापार सुगमता समझौते (टीएफए) पर हस्ताक्षर को लेकर डब्ल्यूटीओ के मुख्यालय जिनेवा में वार्ता के गुरुवार रात विफल होने के तुरंत बाद हुई है. जिनेवा में भारत ने कड़ा रख अपनाया. टीएफए पर समझौता निर्धारित समयसीमा में नहीं हो पाया. डब्ल्यूटीओ के बाली मंत्रीस्तरीय सम्मेलन ने इसके लिए 31 जुलाई 2014 तक का समय रखा था. भारत टीएफए के विरुद्ध नहीं है.

भारत का कहना था कि खाद्य सुरक्षा संबंधी मुद्दे का स्थायी समाधान निकाले जाने तक वह इस पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की भारत की आवश्यकता को रेखांकित किया. कहा कि देश के हालात को देखते हुए ‘काफी बड़ी संख्या में’ लोगों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है.

मुङो लगता है कि प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रूप से कहा है कि विकासशील देशों की विकास की चुनौतियों को सभी देशों को समझना चाहिए. हमारी दिशा हमारी वर्तमान परिस्थिति से तय होती है. हमारी परिस्थिति ऐसी है जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने वही बात रखी है.

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