कर चोरी के मामले में कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री परमेश्वर के परिसरों पर छापे

बेंगलुरु : आयकर विभाग के 300 से अधिक कर्मियों ने कर्नाटक में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और पूर्व सांसद आरएल जलप्पा के पुत्र राजेंद्र से जुड़े परिसरों पर छापे मारे. परमेश्वर का परिवार सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस का संचालक है जिसकी स्थापना उनके पिता एचएम गंगाधरैया ने 58 साल पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2019 9:26 PM

बेंगलुरु : आयकर विभाग के 300 से अधिक कर्मियों ने कर्नाटक में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और पूर्व सांसद आरएल जलप्पा के पुत्र राजेंद्र से जुड़े परिसरों पर छापे मारे. परमेश्वर का परिवार सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस का संचालक है जिसकी स्थापना उनके पिता एचएम गंगाधरैया ने 58 साल पहले की थी.

आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि परमेश्वर से संबंधित कार्यालय, आवास और संस्थानों पर छापा मारने के साथ ही अधिकारियों ने उनके भाई जी शिवप्रसाद और निजी सहायक रमेश के आवास की भी तलाशी ली. राजेंद्र दोद्दाबल्लापुरा और कोलार में आरएल जलप्पा इंस्टिट्यूट चलाते हैं. अधिकारियों ने बताया कि नीट परीक्षाओं से जुड़े मामले में करोड़ों रुपये की कर चोरी के संबंध में परमेश्वर और अन्य के ठिकानों पर यह छापेमारी की गयी है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में विभिन्न स्थानों और राजस्थान के कुछ हिस्सों में कुल 30 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है जिसमें 300 से अधिक आयकर अधिकारी शामिल हैं. उनके साथ पुलिसकर्मी भी हैं.

विभाग ने तुमकुर में एक न्यास के दो मेडिकल कॉलेजों में नीट की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के वास्ते अपनी जांच के तहत यह कदम उठाया है. बताया जाता है कि परमेश्वर श्री सिद्धार्थ एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. अधिकारियों ने बताया कि नीट की परीक्षा में किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा देने से संबंधित कथित फर्जीवाड़े और सीटें पाने के लिए कथित रूप से अवैध भुगतान करने की बात सामने आने पर विभाग हरकत में आया. उन्होंने कहा कि परीक्षा में दूसरों के स्थान पर बैठने वालों का पता लगाने के लिए राजस्थान में तलाशी की जा रही है.

छापेमारी के बीच बेंगलुरु पहुंचे परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके पास इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि छापेमारी क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा, मेरे पास कोई सूचना नहीं है कि छापेमारी क्यों की जा रही है. उन्होंने (आयकर अधिकारियों) मुझे बुलाया. इसलिए उनसे मिलने आया हूं. परमेश्वर ने कहा कि उनका परिवार शिक्षण संस्थान चलाने के सिवाय कोई और व्यवसाय नहीं करता और वह समय पर आयकर भरता रहा है. उन्होंने इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या छापेमारी राजनीति से प्रेरित है. परमेश्वर मई, 2018 से जुलाई, 2019 तक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे.

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और जनता दल (एस) के प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने छापेमारी की निंदा की. सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, डॉ परमेश्वर, आरएल जलप्पा और अन्य पर सिलसिलेवार छापे दुर्भावना के साथ राजनीति से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा, वे सिर्फ कांग्रेस कर्नाटक के नेताओं को निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे नीतिगत और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर हमारा सामना करने में विफल हुए हैं. हम इस सबके सामने नहीं झुकेंगे. देवगौड़ा ने कहा, यह निंदनीय है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने छापों को बदले की राजनीति करार दिया.

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