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खुद को जदयू सांसद महेंद्र प्रसाद की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला गिरफ्तार

नयी दिल्ली : पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उसने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है जो जदयू के राज्यसभा सदस्य महेंद्र प्रसाद की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी होने का दावा करती है. दूसरी महिला द्वारा प्रसाद की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी को कथित तौर पर गलत तरीके से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2019 10:23 PM

नयी दिल्ली : पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उसने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है जो जदयू के राज्यसभा सदस्य महेंद्र प्रसाद की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी होने का दावा करती है. दूसरी महिला द्वारा प्रसाद की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी को कथित तौर पर गलत तरीके से बंदी बनाने के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ को संबंधित जानकारी दी.

अपराध शाखा की ओर से पेश दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराध) राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि प्रसाद की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट में कहा गया कि महिला को तब गिरफ्तार किया गया, जब प्रसाद की पत्नी ने शिकायत में आरोप लगाया कि उसने उनके आभूषण ले लिए हैं और बार-बार के आग्रह के बावजूद उन्हें वापस नहीं कर रही है.

रिपोर्ट में कहा गया कि नौ अक्टूबर को महिला से पूछताछ की गयी और इसके बाद उसे द लीला होटल से गिरफ्तार कर लिया गया, जहां वह अदालत के निर्देश के बाद रह रही थी. अदालत ने उसे निर्देश दिया था कि वह चार सप्ताह तक प्रसाद से अलग रहे. इसमें यह भी कहा गया है कि महिला को विदेश यात्रा से रोकने के लिए यहां विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय को पत्र लिखा गया है, ताकि वह लुकआउट सर्कुलर जारी कर सके.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिला का पासपोर्ट हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करा दिया गया है. सुनवाई के दौरान महिला के वकीलों ने अदालत को बताया कि उन्होंने पुलिस से लिखित में आग्रह किया था कि वह उसे प्रसाद से मिलने दें, लेकिन आग्रह नहीं माना गया. गिरफ्तार महिला के वकीलों ने यह भी कहा कि प्रसाद का बेटा, जिसने दूसरी महिला द्वारा अपनी मां को अवैध रूप से बंदी बनाकर रखे जाने का आरोप लगाकर अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, एक दुर्भावना से प्रेरित व्यक्ति है और वह सांसद के आवास पर कब्जा करने के लिए वहां घुस गया है.

गिरफ्तार महिला को प्रसाद से अलग रहने का निर्देश हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया था. इस महिला के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि प्रसाद ने अपने बेटे को बेदखल कर दिया है. वहीं, बेटे के वकीलों ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह अपनी मां के साथ उनकी इच्छा के अनुरूप सांसद के आवास में गया है. हालांकि, अदालत इससे सहमत नहीं हुई और कहा कि वह (बेटा) अपनी मां से पूरे एक दिन मिल सकता है, लेकिन वह वहां परिसर में नहीं रह सकता. पीठ ने गिरफ्तार महिला के वकीलों से कहा कि वे बेटे को बेदखल करने के बारे में शिकायत एक अलग आवेदन में उठा सकते हैं और फिर प्रासंगिक आदेश जारी किये जायेंगे.

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