PM मोदी ने कहा, मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे भारत-चीन, आतंकवाद से मिलकर निबटेंगे

महाबलीपुरम : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पिछले दो दिन में कई सत्रों में हुई आमने-सामने की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने, एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीन रहने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2019 4:34 PM

महाबलीपुरम : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पिछले दो दिन में कई सत्रों में हुई आमने-सामने की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने, एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीन रहने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई संपर्क के जरिये भारत और चीन के संबंधों में सहयोग का आज से एक नया युग शुरू होने जा रहा है. अनौपचारिक शिखर वार्ता के दूसरे एवं अंतिम दिन महाबलीपुरम के एक लक्जरी रिजॉर्ट में शी के साथ शिष्टमंडल स्तर पर हुई अपनी बातचीत में मोदी ने ध्यान दिलाया कि भारत और चीन पिछले 2,000 साल में ज्यादातर समय वैश्विक आर्थिक शक्तियां रहें हैं और धीरे-धीरे उस चरण की तरफ लौट रहे हैं. मोदी ने कहा, हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है. हमने तय किया है कि हम एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे. मोदी ने पिछले साल चीनी शहर वुहान में शी के साथ अपनी पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता के परिणामों का जिक्र करते हुए कहा, वुहान की भावना ने हमारे संबंधों को नयी गति एवं विश्वास प्रदान किया. चेन्नई संपर्क के जरिये आज से सहयोग का नया युग शुरू होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता के बाद से दोनों देश के बीच रणनीतिक संचार बढ़ा है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, शिष्टमंडल स्तर की वार्ताओं से पहले, शी और मोदी के बीच फिशरमैन कोव रिजॉर्ट में आमने-सामने की करीब एक घंटे बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए संबंधों को नये सिरे से निखारने की मंशा का स्पष्ट संकेत दिया गया. दोनों नेताओं को समुद्र तट के पास चहलकदमी करने के दौरान भी बातचीत करते देखा गया. इससे पहले मोदी और शी एक गोल्फ गाड़ी में सवार होकर साथ में रिजॉर्ट पहुंचे. भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद दोनों देश के बीच तनाव बढ़ने के बीच शी शुक्रवार को यहां पहुंचे थे.

शुक्रवार को मोदी और शी ने रात्रिभोज के दौरान करीब ढाई घंटे बातचीत की थी. उन्होंने आतंकवाद तथा कट्टरवाद से मिलकर निबटने और द्विपक्षीय संबंधों को नये आयाम देने की प्रतिबद्धता जतायी थी. अधिकारियों ने बताया कि इस तटीय शहर में समुद्र के किनारे भव्य महाबलीपुरम मंदिर परिसर में स्थित एक रंगबिरंगे खेमे में कल हुई बैठक तय समय से काफी लंबी चली. इस दौरान दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए जटिल मामलों समेत कई विषयों पर बातचीत की. विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बाद कहा था, दोनों नेताओं ने बिना किसी सहयोगी के एक साथ अच्छा वक्त गुजारा. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की.

इससे पहले शुक्रवार की दोपहर तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा ‘वेष्टि’ (धोती), सफेद कमीज और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने अच्छे मेजबान की भूमिका निभाते हुए शी को इस प्राचीन शहर की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों ‘अर्जुन तपस्या स्मारक’, ‘नवनीत पिंड’ (कृष्णाज बटरबॉल), ‘पंच रथ’ और ‘मामल्लापुरम मंदिर’ के दर्शन कराये. इस बीच भारत ने चीनी यात्रियों के लिए बहु प्रवेश केंद्र के साथ पांच साल का पर्यटक ई-वीजा देने की घोषणा की. यह घोषणा राष्ट्रपति शी के दौरे के दौरान की गयी. बीजिंग में भारतीय दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ऐसा अनुमान है कि चीनी नागरिकों के लिए ई-टूरिस्ट वीजा में दी गयी यह एकतरफा ढील दोनों देश के बीच आपसी संपर्क को बढ़ायेगा और चीनी पर्यटकों को पर्यटन के लिए भारत को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगा. चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने खबर दी कि शी और मोदी ने शुक्रवार को अपनी मुलाकात के दौरान संयुक्त विकास एवं समृद्धि हासिल करने के लिए दोनों देश के बीच आपसी संपर्क एवं परस्पर शिक्षा को बढ़ावा देने पर सहमति जतायी.

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