सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई 14 अक्तूबर को अंतिम दौर में प्रवेश करेगी
नयी दिल्ली : दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद उच्चतम न्यायालय में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर जायेगी और न्यायालय की संविधान पीठ 38वें दिन इस मामले की सुनवाई करेगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान […]
नयी दिल्ली : दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद उच्चतम न्यायालय में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर जायेगी और न्यायालय की संविधान पीठ 38वें दिन इस मामले की सुनवाई करेगी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस जटिल मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया के नाकाम होने के बाद मामले में छह अगस्त से प्रतिदिन की कार्यवाही शुरू की थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है. पीठ ने इस मामले में न्यायालय की कार्यवाही पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और इसके लिए 17 अक्तूबर की सीमा तय की है. पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर भी शामिल हैं.
न्यायालय ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्तूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को अपना प्रत्युत्तर पूरा करने के लिए 16 अक्तूबर तक दो दिन का समय दिया जायेगा. इस मामले में 17 नवंबर तक फैसला सुनाये जाने की उम्मीद है. इसी दिन प्रधान न्यायाधीश गोगोई सेवानिवृत्त हो रहे हैं.