इकबाल मिर्ची से जुड़े मामले में ED ने प्रफुल्ल पटेल को तलब किया
नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मिर्ची की कथित अवैध संपत्तियों से जुड़ी धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को तलब किया. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल से 18 अक्तूबर को मुंबई में बयान दर्ज […]
नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मिर्ची की कथित अवैध संपत्तियों से जुड़ी धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को तलब किया. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल से 18 अक्तूबर को मुंबई में बयान दर्ज कराने को कहा गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पटेल तथा उनकी पत्नी द्वारा संचालित एक रियल एस्टेट कंपनी तथा मिर्ची की पत्नी के बीच एक सौदे के सिलसिले में धन शोधन रोकथाम कानून के तहत पटेल के बयान दर्ज कर सकता है. ईडी विमानन घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में पहले ही उनसे पूछताछ कर चुकी है. ईडी के अधिकारियों के अनुसार पटेल की मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2006-07 में सीजे हाउस नामक इमारत बनायी थी. इसकी तीसरी और चौथी मंजिलों को मिर्ची की पत्नी हाजरा इकबाल के नाम हस्तांतरित कर दिया गया. बताया जाता है कि जिस जमीन पर इमारत बनायी गयी वह मिर्ची की थी.
जांचकर्ताओं का दावा था कि यह जमीन धन शोधन, मादक पदार्थ तस्करी और कथित जबरन वसूली के अपराधों से उगाहे पैसों से खरीदी गयी थी. पटेल और उनकी पार्टी ने सौदे में कुछ गलत होने की बात खारिज कर दी है और कहा कि संपत्ति के दस्तावेज दिखाते हैं कि लेनदेन साफ-सुथरा और पारदर्शी है. ईडी ने हाल ही में मिर्ची के दो कथित सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. इकबाल मिर्ची की 2013 में लंदन में मौत हो गयी थी.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जिस इकबाल मिर्ची के साथ जमीन की डील को लेकर आरोप लग रहे हैं, वह पूरी तरह कानूनी रूप से हुई थी. उन्होंने जमीन का पूरा इतिहास बताते हुए साफ किया कि किस तरह विवादित जमीन को 1990 में ही बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में एक शख्स एमके मोहम्मद द्वारा हजरा इकबाल मेमन को बेचा गया था. उन्होंने कहा कि उसके बाद मेरे पटेल परिवार के कुछ विवाद हुए और इसके बाद इकबाल मेमन के साथ साल 2004 में जमीन को लेकर डील हुई. यह डील रजिस्ट्रार के सामने हुई. अगर मिर्ची दागी था, तो उस वक्त ही प्रशासन इस डील पर रोक लगा देता. उन्होंने कहा, मीडिया में अभी क्या चल रहा है, मैं इस बारे में कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि मुझे अभी पूरे तथ्यों की जानकारी नहीं है. बस मीडिया में एक रिपोर्ट के कुछ अंश आये हैं.