नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को जमानत दे दी. यह केस सीबीआई ने रजिस्टर्ड किया था. लेकिन आज उनकी रिहाई संभव नहीं है क्योंकि वे आईएनएक्स मीडिया मामले में ही 24 अक्तूबर तक ईडी की हिरासत में हैं. सीबीआई की ओर से दर्ज इस मामले में गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद उन्हें यह राहत मिली है.न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई वाली एक पीठ ने मामले में जमानत देने से इनकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को रद्द करते हुए उन्हें यह राहत दी.पीठ ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती पर चिदंबरम को जमानत दी.
Congress leader P Chidambaram is currently in the custody of Enforcement Directorate (ED) till October 24 in the INX Media case. https://t.co/A4eQIAhpwQ
— ANI (@ANI) October 22, 2019
Congress leader P Chidambaram is currently in the custody of Enforcement Directorate (ED) till October 24 in the INX Media case. https://t.co/A4eQIAhpwQ
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पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति के अलावा न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे.शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाये. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि चिदंबरम अदालत से इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते और जांच एजेंसी जब-जब पूछताछ के लिए बुलाएगी, उन्हें पेश होना होगा.पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को जमानत देने के उसके आदेश का उनके खिलाफ लंबित अन्य मामलों से कोई लेना-देना नहीं होगा.फिलहाल चिदंबरम धनशोधन के एक अन्य मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं.
साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत से अनुमति लिए बिना चिदंबरम देश से बाहर नहीं जाएंगे और जांच एजेंसी के तलब करने पर पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेंगे.उन्हें सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले के संबंध में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था.इस मामले में दायर आरोप-पत्र में उन्हें, उनके बेटे कार्ति और कुछ नौकरशाहों समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था.इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भ्रष्टाचार निवारण कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध मानी गई गतिविधियों को अंजाम दे कर सरकारी कोष को नुकसान पहुंचाया.शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के निष्कर्षों को दी गई सीबीआई की चुनौती को भी खारिज कर दिया.इन निष्कर्षों में कहा गया था कि चिदंबरम के भागने का खतरा नहीं है और वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे.
पीठ ने यह भी कहा कि चिदंबरम की याचिका पर निर्णय करते हुए अदालत ने मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया है.शीर्ष अदालत का यह फैसला चिदंबरम की अपील पर आया है जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत नहीं देने के फैसले को चुनौती दी थी.सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की ओर से मिली मंजूरी में गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था.इस दौरान चिदंबरम वित्त मंत्री थे.इसके बाद ईडी ने इस संबंध में 2017 में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था.